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Photograph: (The Global Indian)
TIME Kid of the Year Tejasvi Manoj for Protecting Seniors Online: 17 साल की भारतीय मूल की लड़की तेजस्वी मनोज, जो टेक्सास (अमेरिका) से हैं, को Time की Kid of the Year चुना गया है। उन्होंने साइबर क्राइम की दुनिया में बदलाव लाते हुए Shield Seniors नाम की वेबसाइट बनाई है। इस वेबसाइट का उद्देश्य बुज़ुर्गों को साइबर अपराध के बारे में जागरूक करना और उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना है।
कौन हैं तेजस्वी मनोज? टाइम की Kid Of The Year बनी भारतीय मूल की किशोरी
फरवरी 2024 में, 16 साल की तेजस्वी मनोज अपने पिता के साथ Scouting America कैंप से घर लौट रही थीं। रास्ते में उनके पिता ने देखा कि उनके 85 साल के पिता (तेजस्वी के दादा) की पाँच मिस्ड कॉल आई थीं। जब उन्होंने कॉल वापस किया तो दादा ने बताया कि तेजस्वी के चाचा की तरफ़ से एक ज़रूरी ईमेल आया है, जिसमें $2,000 भेजने की मांग की गई थी ताकि एक अचानक आए कर्ज़ को चुकाया जा सके। दादा पैसे भेजने की तैयारी में थे, लेकिन तेजस्वी के पिता ने उन्हें रोक दिया। फिर दादी की सलाह पर दादा ने सीधे चाचा को फोन किया और पता चला कि यह ईमेल असली नहीं था बल्कि एक ठगी (scam) थी।
इस घटना से गुस्से में आकर तेजस्वी ने घर पहुंचते ही रिसर्च करना शुरू किया और पाया कि ऐसे ऑनलाइन ठगी के मामले बहुत आम हैं।
FBI’s Internet Crime Complaint Center के अनुसार, करीब 8.6 लाख ऑनलाइन ठगी की शिकायतें मिलीं, जिनसे $16 बिलियन से ज्यादा का संभावित नुकसान हुआ। इनमें से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को निशाना बनाने वाले फ्रॉड लगभग $5 बिलियन तक पहुँचे जो पिछले साल की तुलना में 32% ज्यादा था।
सालभर में तैयार किया Shield Seniors
सिर्फ़ एक साल के भीतर तेजस्वी ने Shield Seniors डिज़ाइन कर ली। उन्होंने टाइम को बताया,, “अगर आप ChatGPT या Gemini से साइबर सिक्योरिटी पर सवाल पूछेंगे, तो वे आपको लंबे-लंबे पैराग्राफ़ और मुश्किल शब्दों में जवाब देंगे। ये कुछ लोगों के लिए ठीक है, लेकिन ज़्यादातर बुज़ुर्गों के लिए समझना आसान नहीं होता।”
फिलहाल प्राइवेट प्रीव्यू में
Shield Seniors अभी डेवलपमेंट में है। फिलहाल यह एक फ्री AI इंजन पर चल रहा है, जिसकी वजह से इसकी क्षमता और यूज़र्स की संख्या सीमित है। यही कारण है कि यह अभी केवल प्राइवेट प्रीव्यू में है। तेजस्वी फंड जुटा रही हैं ताकि इसे एक और मज़बूत, कमर्शियल AI प्लेटफ़ॉर्म पर अपग्रेड किया जा सके।
फंडिंग से होगी बड़ी शुरुआत
उनका कहना है कि “हम इसे सबके लिए तभी खोलेंगे जब हमारे पास फंडिंग होगी, जिससे ज़्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर सकें।” तेजस्वी का मानना है कि इस प्लेटफ़ॉर्म से लोगों को यह एहसास होगा कि “आप अकेले नहीं हैं।”
“आप अकेले नहीं हैं” का संदेश
उन्होंने कहा, “बहुत से लोग यह सोचकर शर्मिंदा हो जाते हैं कि वे ठगी का शिकार हो गए, लेकिन इसमें शर्मिंदगी की कोई बात नहीं है। यह एक सीखने का अनुभव है। आपको इसे रिपोर्ट करना चाहिए ताकि किसी और के साथ ऐसा ना हो।”