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Time Use Survey 2024 Reveals Persistent Gender Disparity in Household Tasks: अक्सर हम सुनते आ रहे हैं कि घर के काम में ज्यादा भागीदारी महिलाओं की होती है। यह अपेक्षाएं उनसे आज से नहीं बल्कि सदियों से की जा रही है। आज भी जेंडर रोलस के बीच में समाज बँटा हुआ है जिसमें घर के काम की जिम्मेदारी हमेशा ही महिलाओं के हिस्से आती है, हालांकि इसकी उन्हें कोई भी वेतन या फिर सैलरी नहीं मिलती है। यह काम बिल्कुल फ्री होता है। Time Use Survey 2024 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि घर के कामों के लिए पुरुषों से ज्यादा महिलाएं समय देती हैं। चलिए रिपोर्ट के बारे में अधिक जानते हैं-
TIME USE SURVEY (TUS) (JANUARY – DECEMBER, 2024)
— PIB India (@PIB_India) February 25, 2025
Time Use Survey (TUS) provides a framework for measuring time dispositions by the population on different activities. It is an important source of information about the activities that are performed by the population and the time… pic.twitter.com/J0zWAegS7I
Time Use Survey 2024: महिलाएं घर के काम में पुरुषों से ज्यादा देती हैं समय, कब आएगा बदलाव
"सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय" के तहत भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आयोजित Time Use Survey 2024 को रिलीज किया गया है। जिसमें जनवरी से दिसंबर 2024 तक डेटा इकट्ठा किया गया। इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया, जिसमें 6 साल और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों के बारे में डेटा इकट्ठा किया गया। सर्वे में बताया गया है कि लोग अपना समय अलग-अलग गतिविधियों पर कैसे बिताते हैं, जिसमें मुख्य रूप से भुगतान किए गए काम, अवैतनिक घरेलू काम, देखभाल, सीखना, आराम और खुद की देखभाल पर जोर दिया गया।
घर के काम में महिलाएं ज्यादा व्यस्त
रिपोर्ट के अनुसार, एक दिन में महिलाएं घर के सदस्यों के लिए अवैतनिक घरेलू सेवाओं में औसतन एक दिन में 289 मिनट देती हैं। वहीं पुरुष सदस्य ऐसी गतिविधियों में एक दिन में 88 मिनट बिताते हैं। इस तरह वैधानिक घरेलू काम में महिलाएं पुरुषों से 201 मिनट ज्यादा काम करती हैं। हालाँकि 2019 में इन कार्यों पर महिलाओं का समय 299 मिनट का था जिसमें 10 मिनट की गिरावट आई है लेकिन बोझ अभी भी बहुत ज़्यादा है।
महिला प्रतिभागियों ने पुरुष प्रतिभागियों की तुलना में घर के सदस्यों की अवैतनिक देखभाल गतिविधियों में प्रतिदिन 62 मिनट अधिक बिताए।
घर के लोगों की देखभाल में भी महिलाओं का समय ज्यादा गुजरता है
रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं अपने घर के सदस्यों की देखभाल में एक दिन में 137 मिनट बिताती हैं, जबकि घर के पुरुष सदस्य 75 मिनट बिताते हैं।
दोनों के लिए रोजगार का समय बढ़ा
महिलाओं के लिए यह 333 से 341 मिनट और पुरुषों के लिए 459 से 473 मिनट हो गया, जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए भुगतान किए जाने वाले काम की ओर धीरे-धीरे बदलाव का संकेत देता है। अगर हम पुरुषों और महिलाओं के रोजगार के समय के बीच तुलना करें तो भी महिलाएं कम समय पैसा कमाने के लिए खर्च करती हैं।
अन्य रुझानों की बात करें तो लर्निंग के समय में गिरावट आई है। पुरुषों के मामले में 426 से 415 मिनट और महिलाएँ के मामले में 423 से 413 मिनट आई है।
सेल्फ केयर जिसमें सोना भी शामिल है, में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कम समय देती हैं। पुरुष एक दिन में 710 मिनट सेल्फ केयर के लिए निकलते हैं वहीं महिलाएं 706 मिनट देती हैं।
अवैतनिक काम बनाम वैतनिक काम
घर के अवैतनिक काम में बच्चों, बीमारों, बुजुर्गों, दिव्यांगों की देखभाल शामिल है। इसके साथ ही खाना बनाना, सफाई करना और घर के अन्य काम भी शामिल हैं। वहीं रोजगार से जुड़े काम में सेल्फ एंप्लॉयमेंट या फिर बिजनेस, वेतन या मजदूरी के लिए काम और मार्केट के लिए गुड्स या सर्विस देना भी इसमें शामिल है।
बदलाव की उम्मीद?
इस रिपोर्ट से यह साबित होता है कि कैसे महिलाओं को अपने लिए या फिर पैसा कमाने के लिए समय नहीं मिलता है क्योंकि उनका बहुत ज्यादा समय दूसरों की देखभाल या फिर घर के काम करने में ही निकल जाता है जिसके लिए उनके लिए अपने लिए कुछ समय बचता ही नहीं है। यह एक सोचने वाली बात है कि आज भी महिलाओं से ही अपेक्षा की जाती है कि वह दूसरों की देखभाल करें या फिर घर की जिम्मेदारियां को संभाले जबकि महिला दोनों काम कर सकती हैं। पुरुषों को आगे आकर महिलाओं के ऐसे सिनेरियो को बदलना होगा और उनके लिए रास्ता आसान करना होगा तभी समाज में बदलाव आ सकता है।