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ओमिक्रोण वैरिएंट से देश में क्या हालात हैं?
इस वायरस के आने से वापस से मार्केट बंद होने का और स्टॉक मार्केट गिरने का डर सभी को लग रहा है। सबसे पहले यह वायरस बोत्सवाना में मिला था जो कि साउथ अफ्रीका में है इसलिए इसको पहले बोत्सवाना नाम से बुलाया जा रहा था। इसके लिए यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी राजेश भूषण ने लेटर भेजा था और कहा था कि बोत्सवाना वैरिएंट के म्यूटेशन बहुत ज्यादा हैं और यह पब्लिक के लिए काफी सीरियस हो सकता है।
अफ्रीका सेंटर ऑफ़ डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि इस वैरिएंट के बारे में अधिक जानकारी जब इस पर रिसर्च की जाएगी तब सामने आएगा। साउथ अफ्रीकन साइंटिस्ट का कहना है कि इस वैरिएंट के ज्यादा म्यूटेशन होने के कारण से यह इम्यून सिस्टम के अंदर तक जा सकता है और जल्दी एक दूसरे को फैल सकता है।
ओमिक्रोण से बचने के लिए क्या है रास्ता? जानिए वैक्सीन बनाने वालों का क्या कहना है?
भारत बायोटेक का कहना है कि इनकी बनाई गयी कोवैक्सीन वुहान के ओरिजिनल कोरोना वायरस के खिलाफ बनाई गयी थी। इसका मतलब है कि यह इसके वैरिएंट पर भी जहाँ तक है असरदार होगी। इसके अलावा यह नई वैरिएंट के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं। जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का कहना है कि यह इनकी वैक्सीन को नए वारेंट के लिए असरदार मानते हैं। यह एक अकेले ऐसे मैन्युफैक्चरर हैं जो अपनी वैक्सीन के लिए खिलाफ कॉंफिडेंट हैं।
मॉडर्ना वैक्सीन के CEO ने कहा है कि दुनिया को इस नए वैरिएंट से लड़ने के लिए एक नयी वैक्सीन की जरुरत होगी। इनका भी यही कहना है कि नए वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कितनी असरदार है यह कुछ हफ्ते बाद पता लगेगा।अस्ट्रज़ेनेका का कहना है कि कविशील्ड वैक्सीन इंडिया के सीरम इंस्टीट्यूट और ब्रिटिश की स्वीडन कंपनी अस्ट्रज़ेनेका के साथ बनाई गयी थी। इनका कहना है कि यह इनकी फ़िलहाल मौजूद वैक्सीन की एक बार फिर से जांच कर रहे हैं नए वैरिएंट के हिसाब से।