Sneha Dubey UN Speech: 2012 से एक आईएफएस अधिकारी, स्नेहा दुबे ने कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान को अपनी कड़ी प्रतिक्रिया के लिए भारत में सुर्खियां बटोर रही हैं। कम उम्र की महिला अधिकारी, स्नेहा दुबे, संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली सचिव हैं। शुक्रवार को आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान, (Sneha Dubey UN Speech) स्नेहा ने भारत में धारा 370 को निरस्त करने पर इमरान खान के बयान का जवाब दिया।
जब से स्नेहा दुबे के भाषण की क्लिप साझा की गई, सोशल मीडिया उनके शक्तिशाली भाषण और खान के खिलाफ कड़े शब्दों के लिए उनकी प्रशंसा हो रही है। भारत में #SnehaDubey 25 सितंबर की सुबह से ट्रेंड कर रहा है। आईये जाने कि आखिर स्नेहा दुबे के संयुक्त राष्ट्र के भाषण में ऐसा क्या खास था?
Sneha Dubey UN Speech: स्नेहा दुबे के भाषण के बारें में 10 बड़ी बातें
- 76वें UNGA के दौरान, इमरान खान ने कश्मीर के मुद्दे और इस महीने की शुरुआत में सोपारा के पूर्व विधायक, अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की विवादास्पद मौत पर बात की थी।
- स्नेहा दुबे ने भारत के जवाब के अधिकार का प्रयोग किया, स्नेहा ने कहा कि इमरान खान ने अपने भाषण से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देकर, इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने का प्रयास किया है। उन्होंने इमरान खान पर विश्व मंच पर झूठ उगलने का भी आरोप लगाया।
- अपने भाषण में स्नेहा ने कहा, "पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह दे रहा है, दूसरे देश को नुक्सान पहुंचाने के लिए लेकिन असल में आतंवाद कि आग में वो खुद ही झुलस जायेगा।" स्नेहा दुबे ने बताया कि कैसे पाकिस्तान आतंवादियों को पाल रहा है इस उम्मीद में कि वो अपने पड़ोसी देश को नुकसान पहुंचा सके।
- स्नेहा दुबे ने आगे कहा, "हमारे देश और पूरी दुनिया को पकिस्तान की नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान, अपने देश में सांप्रदायिक हिंसा को आतंकवाद के रूप में छिपाने की कोशिश कर रहा है।"
- उन्होंने यह भी कहा कि "जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के पूरे केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे।"
- स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने की अपील की।
- इमरान खान के भाषण को आगे संबोधित करते हुए, स्नेहा ने कहा कि इस तरह के बयान पूरी तरह से निंदा के लायक हैं और बार-बार झूठ बोलने वाले व्यक्ति की मानसिकता के लिए वो सहानुभूति रखती हैं।
- स्नेहा दुबे का 2011 में सिविल सेवा परीक्षा, पहले एटेम्पट में ही क्लियर हो गया था।
- उनके अनुसार, IFS अधिकारी बनने से उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का सबसे अच्छा मौका मिला है।
- वह सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाली अपने परिवार की पहली व्यक्ति हैं और संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली सचिव भी।