अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD Vance अपने परिवार के साथ पहुंचे भारत, जानिए उनकी पत्नी Usha Vance का क्या है भारत से रिश्ता

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस अपने परिवार के साथ भारत के दौरे पर हैं। आपको बता दें कि जे.डी. वेंस इटली के आधिकारिक दौरे के बाद अब भारत आए हैं। वह चार दिन के लिए अपने परिवार के साथ भारत में रहेंगे और अलग-अलग जगहों का दौरा करेंगे।

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Rajveer Kaur
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JD Vance

Photograph: (Wikipedia )

U.S. Vice President J.D. Vance Tours India with Family: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस अपने परिवार के साथ भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने पालम हवाई अड्डे पर लैंड किया। उनके साथ second lady उषा वेंस, उनके बच्चे और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ सदस्य भी हैं। वे आज प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे। आपको बता दें कि जे.डी. वेंस इटली के आधिकारिक दौरे के बाद अब भारत आए हैं। वह चार दिन के लिए अपने परिवार के साथ भारत में रहेंगे और अलग-अलग जगहों का दौरा करेंगे।

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD Vance अपने परिवार के साथ पहुंचे भारत, जानिए उनकी पत्नी Usha Vance का क्या है भारत से रिश्ता

सोमवार की सुबह 9:30 बजे वे दिल्ली पहुंचे और इसके बाद उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत अक्षरधाम मंदिर से की। उनके साथ उनकी पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चे - इवान, विवेक और मिराबेल शामिल हैं। वापस जाने से पहले जे.डी. वेंस अपने परिवार के साथ जयपुर और आगरा का दौरा भी करेंगे।

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Usha Vance का भारतीय कनेक्शन

जे.डी. वेंस की शादी उषा वेंस से हुई है, जिनका संबंध भारत से है। उषा भारतीय मूल की महिला हैं और उनका संबंध भारत के आंध्र प्रदेश राज्य से है। वह अमेरिका की सेकंड लेडी हैं। उषा का जन्म भारत में नहीं हुआ, क्योंकि उनके माता-पिता अमेरिका चले गए थे। यह पहली बार है जब उषा भारत आई हैं। उनका जन्म सैन डिएगो काउंटी, कैलिफोर्निया में हुआ।

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उषा ने Yale यूनिवर्सिटी से अपनी बैचलर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री भी हासिल की, जहां वह गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलर थीं। उषा की जे.डी. से मुलाकात येल लॉ स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी। उषा और वेंस की शादी 2014 में हुई। उनके तीन बच्चे हैं।

परदादी ने क्या बताया?

आंध्र प्रदेश में रहने वाली उनकी परदादी के साथ BBC ने बात की तो उन्होंने बताया कि वे अमेरिका की सेकंड महिला की सफलता से आश्चर्यचकित नहीं हैं, क्योंकि वे हिंदू विद्वानों की एक लंबी परंपरा से आती हैं। उनकी परदादी चिलुकुरी संथम्मा ने कहा, "हर कोई विदेशी देश में टॉप पर नहीं पहुंच सकता और न ही प्रशंसा प्राप्त कर सकता है और यह सौभाग्य की बात है कि उषा उस मुकाम पर पहुंच गई हैं जो लाखों में एक को ही मिलता है।"