UCC को लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, जानें सभी जरूरी बातें

आजादी के बाद, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। यह ऐलान CM पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री आवास में किया गया।

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Rajveer Kaur
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CM Pushkar Dhami

Image Credit: Hindustan Times

आजादी के बाद, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। यह ऐलान CM पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री आवास में किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "आज न केवल हमारे राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम राज्य में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू कर रहे हैं'। इसके साथ ही UCC नियमावली और पोर्टल लो भी लॉन्च किया गया।

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UCC को लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, जानें सभी जरूरी बातें

उत्तराखंड में यूसीसी सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, विवाह, तलाक, विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे व्यक्तिगत मामलों को समान रूप से नियंत्रित करता है। इसके अलावा इस कानून के जरिए  हलाला, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

किन लोगों पर होता है लागू? 

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यह अधिनियम उत्तराखंड में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों पर लागू होता है और उत्तराखंड से बाहर रहने वाले राज्य के निवासियों पर भी प्रभावी है। संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत उल्लिखित अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा गया है।

27 जनवरी को मनाया जाएगा UCC Day

यूसीसी (समान नागरिक संहिता) के कार्यान्वयन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "...अब हर साल 27 जनवरी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा..."

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जानिए UCC के बाद क्या बदल जाएगा 

  • विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप: UCC लागू होने के बाद इसमें छह महीने के अंदर शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। शादी के लिए लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनी चाहिए। पति या पत्नी एक दूसरे के जीवित रहते हुए दूसरी शादी नहीं कर सकते हैं। लिव-इन कपल को एक महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को भी संपत्ति में समान अधिकार दिया जाएगा।
  • तलाक: तलाक सिर्फ एक पक्ष के कारण नहीं मिलेगा। पति और पत्नी तभी एक दूसरे से अलग हो सकते हैं जब दोनों का तलाक के आधार और कारण एक जैसा होगा।
  • संपत्ति: यूसीसी का उद्देश्य बेटों और बेटियों के लिए समान उत्तराधिकार अधिकार सुनिश्चित करना है। इससे केटेगरी का कोई लेना-देना नहीं है। परिवार में मृतक व्यक्ति की संपत्ति पर सभी लोगों का समान अधिकार होगा ताकि किसी भी प्रकार के मतभेद से बचा जा सके।

Uttrakhand उत्तराखंड UCC