Budget 2024: आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना सातवां लगातार बजट पेश करेंगी। इस बजट में भारत के विकास की 2047 तक की योजना को रेखांकित किया जाएगा और पिछले दशक में सरकार की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया जाएगा। बाजार में मध्यवर्ग के लिए संभावित कर राहत की उम्मीदें हैं, जिससे उनके हाथों में अधिक डिस्पोजेबल आय आ सके, खासकर मौजूदा कर संवृद्धि को देखते हुए।
चलिए आज हम समझते हैं कि बजट के मायने क्या होते हैं, क्यों यह इतना महत्वपूर्ण है, और बजट का असर हमारी जेब पर कैसे पड़ता है।
बजट क्या है? (What is Budget?)
सरल शब्दों में कहें तो, बजट एक अनुमानित आय-व्यय का लेखा-जोखा होता है। जिस तरह हम अपने घर का बजट बनाते हैं, उसी तरह सरकार भी पूरे देश के लिए एक वार्षिक बजट तैयार करती है। इसमें सरकार आने वाले वित्त वर्ष में होने वाली कुल आय (करों, शुल्कों आदि से) और कुल खर्च (विकास परियोजनाओं, कल्याणकारी योजनाओं आदि पर) का अनुमान लगाती है।
सरकार की विभिन्न आय के स्रोतों में कर, शुल्क, परिसंपत्तियों से होने वाली आय आदि शामिल होते हैं। खर्चों की बात करें तो इसमें वेतन, ब्याज भुगतान, विभिन्न सेवाओं पर होने वाला खर्च (स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा आदि) और विकास परियोजनाओं पर होने वाला खर्च शामिल होता है।
बजट क्यों है महत्वपूर्ण? (Why is Budget Important?)
बजट सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण है। इसके निम्नलिखित कारण हैं:
आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना: बजट सरकार को आय और व्यय के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इससे मुद्रास्फीति जैसी आर्थिक समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
विकास को बढ़ावा देना: सरकार बजट के जरिए विकास कार्यों और बुनियादी ढांचे पर खर्च करती है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और अर्थव्यवस्था तेजी से विकास करती है।
सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना: सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, वृद्धावस्था पेंशन आदि पर बजट के जरिए खर्च करती है। इससे समाज के कमजोर वर्गों को सहायता मिलती है।
नियमनकारी ढांचा स्थापित करना: बजट के जरिए सरकार कर दरों में बदलाव, नए कर लगाने या मौजूदा करों को खत्म करने जैसे फैसले लेती है। यह आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और अर्थव्यवस्था को सही दिशा देने में मदद करता है।
जनता को जवाबदेही: बजट के जरिए सरकार अपनी वित्तीय योजनाओं को पारदर्शी तरीके से जनता के सामने रखती है। इससे सरकार को जवाबदेह बनाने में मदद मिलती है।
बजट का हमारी जिंदगी पर असर (How Budget Affects Our Lives)
बजट का सीधा असर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है। सरकार बजट के जरिए कर दरों में बदलाव करती है, जिससे हमारी कर देनदारी बढ़ या घट सकती है। इसके अलावा, बजट में सरकारी योजनाओं, सब्सिडियों आदि पर किए जाने वाले खर्च में बदलाव होने से भी आम जनता प्रभावित होती है।
उदाहरण के लिए, सरकार अगर शिक्षा पर बजट बढ़ाती है, तो स्कूलों में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। इसी तरह, अगर सरकार खाद्य सब्सिडी कम करती है, तो खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं।
इसलिए, हर साल बजट का हर कोई नागरिक को बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इससे यह तय होता है कि आने वाले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था और हमारी जिंदगी किस दिशा में जाएगी। बजट को लेकर तमाम उम्मीदें और आशंकाएं होती हैं, और हर कोई चाहता है कि बजट से उसे और देश को फायदा हो।
आगामी बजट से उम्मीदें
इस बार के बजट से मध्यम वर्ग को कर राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। वर्तमान कर वृद्धि को देखते हुए, बाजार को उम्मीद है कि इस बार के बजट में आम जनता के लिए राहत भरे प्रावधान होंगे। इसके साथ ही, सरकार द्वारा पिछले दशक में किए गए कार्यों और उपलब्धियों को भी बजट में प्रदर्शित किया जाएगा।
बजट में 2047 तक भारत के विकास के लिए सरकार की योजनाओं का भी विस्तृत खाका पेश किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आने वाले वर्षों में देश किस दिशा में अग्रसर होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से न केवल आम जनता, बल्कि उद्योग जगत और निवेशकों को भी काफी उम्मीदें हैं।
इस बजट के माध्यम से सरकार न केवल वर्तमान वित्तीय वर्ष की योजनाओं का खुलासा करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए भी विकास की दिशा और दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के बजट में कौन-कौन सी नई नीतियां और योजनाएं सामने आती हैं और वे देश के विकास में किस प्रकार योगदान देंगी।