Covid-19 Antiviral Drug Molnupiravir: कोरोना की मोलनुपिरविर गोली उन यंग लोगों को दी जाएगी जो ज्यादा रिस्क की केटेगरी में है। यह दवाई दिन में दो बार 5 दिन के लिए ली जाती है। यह वो लोग लेते हैं जो घर पर हैं और जिनको हलके या थोड़े ज्यादा कोरोना के लक्षण हैं। इसे भर्ती होने के और मरने के चान्सेस 30 % कम हो जाते हैं। मोलनुपिरविर गोली को कम मात्रा में सभी को दिया जाएगा। यह खास कर के उन लोगों के लिए होगी जिनका ऑक्सीजन लेवल 93 से कम हो रहा हो।
मोलनुपिरविर गोली कब और कैसे लेते हैं?
कोरोना की मोलनुपिरविर गोली उन यंग लोगों को दी जाएगी जो ज्यादा रिस्क की केटेगरी में है। यह दवाई दिन में दो बार 5 दिन के लिए ली जाती है। इसके कैप्सूल 1200 मिलीग्राम के हैं। यह वो लोग लेते हैं जो घर पर हैं और जिनको हलके या थोड़े ज्यादा कोरोना के लक्षण हैं। इसे भर्ती होने के और मरने के चान्सेस 30 % कम हो जाते हैं।
मोलनुपिरविर गोली कौन नहीं ले सकता है?
यह दवाई 18 से कम उम्र के लोग और गर्ववती महिलाएं नहीं ले सकती हैं। यह दवाई जैसे ही कोई सिम्पटम्स चालू होते हैं तभी से ली जा सकती है जैसे कि सर दुखना, शरीर में दर्द होना और खुशबु और खाने का स्वाद न आना। इंडिया के अलावा यूनाइटेड किंगडम में भी मोलनुपिरविर गोली देने की नवंबर में परमिशन दे दी गयी है।
ऐसा कहा है जा रहा है कि यह एंटीवायरल ड्रग ओमिक्रोण के खिलाफ भी असरदार हो सकता है। इस साल फार्मा की बड़ी कंपनी सिप्ला ने इसको बनाने का एग्रीमेंट लिया है। यह इस ड्रग को बनाएंगे और इंडिया में सप्लाई करेंगे।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा था, कि 15-18 ऐज ग्रुप के बच्चों को 3 जनवरी से कोविड के टीके का पहला दौर मिल सकता है। प्रधान मंत्री, जिन्होंने फ्रंटलाइन और हेल्थ वर्कर्स के साथ-साथ 60 से अधिक लोगों के लिए “प्रीकॉशन्स” या बूस्टर शॉट्स की घोषणा की, और कहा, कि बच्चों को वैक्सीनेशन कुछ अन्य देशों ने पहले ही किया है। यह स्कूलों और छात्रों को सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करेगा।
भारत में बच्चों को दो शॉट्स में से एक के साथ टीका लगाया जाएगा – या तो भारत बायोटेक की डबल-डोज़ कोवैक्सिन या ज़ायडस कैडिला की तीन-डोज़ ZyCoV-D, दोनों को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी दे दी गई है।