Mu वेरिएंट क्या है: जब से COVID-19 ने सभी देशो में दस्तक दी है तब से पूरे विश्व की स्थिति ख़राब हो गई है। यही नहीं आए दिन इस वायरस के नए वेरिएंट सामने आते रहते है। इससे पहले SARS-CoV-2 सहित सभी वायरस, जो COVID-19 का कारण बने थे ,के बाद अब एक नया वेरिएंट सामने आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में "Mu variant" को लेकर चिंता जताई है।
Mu वेरिएंट क्या है?
WHO ने कोरोनावायरस (Coronavirus) के एक नए वेरिएंट "Mu" को एक चिंता का एक प्रकार (variant of concern) बताया है। इस वेरिएंट की पहचान पहली बार जनवरी में कोलंबिया में हुई थी। म्यू (Mu) को वैज्ञानिक रूप से B.1.621 के रूप में जाना जाता है। म्यू वेरिएंट में "म्यूटेशन का एक समूह है जो इम्यून सिस्टम को कमज़ोर करने के संभावित संकेत देता है।" आपको बता दे कि भारत में अक्टूबर 2020 में डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2), SARS-CoV-2 B.1.617 वंश को वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न के रूप में चिन्हित किया था।
कोरोनावायरस का ये नया Mu वेरिएंट कितना खतरनाक है?
WHO ने इस Mu वेरिएंट को लेकर कहा कि वह नहीं जानते कि वैक्सीन इस वेरिएंट पर कितनी प्रभावी है, इस "Mu" वेरिएंट को अच्छे से समझने के लिए अभी आगे और रिसर्च की ज़रूरत है। नए वायरस म्यूटेशन के उभरने पर व्यापक चिंता के रूप में देखा जा रहा है। आगे आने वाले दिनों में इस वेरिएंट से COVID-19 मामलों में घातक वृद्धि होने का अंदाज़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वैश्विक स्तर पर एक बार फिर संक्रमण बढ़ रहा है।
क्या टीका लगवा चुके लोगों को Mu वेरिएंट से खतरा है?
WHO ने चेतावनी दी है कि इस नए वेरिएंट से गंभीर बीमारी होने का अंदेशा है, खासकर बिना टीकाकरण वाले लोगों को। WHO ने उन क्षेत्रों पर भी चिंता जताई है जहां एंटी-वायरस उपायों में ढील दी गई है। वायरस के लगातार म्युटेशन बदलने से इसके नए वेरिएंट से प्रभावित होने की उम्मीद है और ये आसानी से फ़ैल सकता है। यही नहीं इससे होने वाली बीमारियों पर टीके दवाएं तथा अन्य ऑप्शन मुश्किल से काम करेंगे।
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