नज्मा अख्तर ने दिल्ली की जामिआ मिलिया इस्लामिआ यूनिवर्सिटी की पहली महिला चांसलर बनकर हिस्ट्री बना दी है। आज 21 मार्च को इनको पद्मा श्री अवार्ड से भी नवाज़ा जाएगा। इनको यह अवार्ड लिटरेचर और एजुकेशन में इनके योगदान के लिए दिया जाएगा।
नज्मा अख्तर कौन हैं?
नज्मा अख्तर का जन्म 13 नवंबर 1953 में हुआ था। इन्होंने एजुकेशन में PhD कर रखा है। इसके अलावा इन्होंने MA की भो दो डिग्री कर राखी हैं और बॉटनी में भी MSc की है।
जब नज्मा से अवार्ड को लेकर पूंछा गया तब इन्होंने बहुत ही प्यारा जवाब दिया। इन्होंने कहा कि मैं इस अवार्ड को सिर्फ खुद के लिए नहीं उन सभी मेरे सहकर्मी की ओर से स्वीकार कर रही हूँ। सभी बहुत मेहनत करते हैं लेकिन सभी को इसको लिए नाम नहीं मिलपाता है जो उनको मिलना चाहिए। मैं प्राइम मिनिस्टर ओर प्रेजिडेंट को मेरे काम को सराहने के लिए धन्यवाद् करना चाउंगी। खास तौर पर प्रेजिडेंट को जिन्होंने मुझे पहली महिला वाईस चांसलर बनाने को फैसला किया।
नज्मा अख्तर पहले क्या करती थीं?
इससे पहले नज्मा कश्मीर की यूनिवर्सिटी में भी वाईस चांसलर रह चुकी हैं। यह वहां 15 साल तक एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेशन की हेड रही हैं। यह इनके जेंडर इक्वलिटी के काम के लिए भी जानी जाती हैं।
जब नज़मा ने जामिआ इस्लामिआ में काम किया उस दौरान यूनिवर्सिटी को A++ दिया गया था नेशनल एक्रेडिटेशन ओर असेसमेंट कौंसिल की ओर से। इसके अलावा जामिआ को नेशनल इंस्टीटूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में भी 6th रैंक दी गयी थी।
नज़मा अख्तर ऐसी 28 इंडियन में से हैं जिन्हे यह पद्मश्री अवार्ड इस फील्ड में प्रेजिडेंट राम नाथ कोविंद के द्वारा मिलने वाला है। यह राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में दिया जाएगा। 2019 में जामिआ में इन्हें पहली महिला वाईस चांसलर बनने पर यह पहली ऐसी महिला बनी जो इस मक़ाम तक पहुंच पायी।