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Who is Renu Raj? हर इंडियन परिवार में पेरेंट्स ये ज़रूर चाहते हैं कि उनका बच्चा UPSC और सरकारी जॉब की तैयारी करे। सरकारी नौकरी को लेकर इंडिया में इतना ज्यादा क्रेज है कि लड़की आसानी से सरकयर जॉब वाले से शादी क्र लेती है। आज हमारे सामने रेनू राज की कहानी आयी है जिन्होंने अपनी डॉक्टर की नौकरी छोड़कर UPSC कि तैयारी की। ये केरला के कोट्टायम की रहने वाली हैं और इन्होंने इनके पहले एटेम्पट में ही UPSC क्लियर कर लिया था और तो और इनकी आल इंडिया रैंक 2nd आयी थी।
रेनू राज को IAS ऑफिसर बने लगभग 10 महीने हो चुके हैं और ये अवैध कंस्ट्रक्शन और ज़मीन के खिलाफ कड़े फैसले ले चुकी हैं। इन्होंने पुराने पुराने इललीगल केसेस निकाल भी सुलझाए हैं जिसके बाद ये इसी के लिए जानी जाने लगी।
रेनू ने केरल के कोट्टायम के सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से पढाई की है। इसके बाद इन्होंने कोट्टायम के सरकारी कॉलेज से मेडिसिन की पढाई की थी।
रेनू ने 2014 में UPSC का पेपर दिया था और पहली बार में ही इन्होंने एंट्रेंस क्रैक कर लिया था और इनकी पूरी इंडिया में 2nd रैंक आयी थी। जब इन्होंने UPSC का पेपर दिया ये उस वक़्त डॉक्टर की डिग्री भी हासिल कर चुकी थीं।
रेनू का पापा भी सरकारी नौकरी करते थे और इनकी माँ एक हाउसवाइफ हैं। रेनू ने डॉक्टर की पढाई कर तो ली थीं लेकिन ये UPSC की तैयारी फिर भी करना चाहती थीं। रेनू की दोनों बहनें और पति भी डॉक्टर हैं।
रेनू का बचपन से ही IAS ऑफिसर बनने का सपना था और ये उसके लिए कड़ी मेहनत करती थीं। रेंजू आम लोगों के लिए कुछ करना चाहती थीं जिसके कि उनकी लाइफ बेहतर हो सके। रेनू का मन्ना है कि डॉक्टर बनकर आप सिर्फ 100 लोगों कि मादा करेंगे लेकिन IAS बनकर आप हज़ार लोगों की मदद कर सकते हैं।
रेनू राज किस के खिलाफ खड़ी रहती हैं ?
रेनू राज को IAS ऑफिसर बने लगभग 10 महीने हो चुके हैं और ये अवैध कंस्ट्रक्शन और ज़मीन के खिलाफ कड़े फैसले ले चुकी हैं। इन्होंने पुराने पुराने इललीगल केसेस निकाल भी सुलझाए हैं जिसके बाद ये इसी के लिए जानी जाने लगी।
रेनू ने केरल के कोट्टायम के सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से पढाई की है। इसके बाद इन्होंने कोट्टायम के सरकारी कॉलेज से मेडिसिन की पढाई की थी।
रेनू की IAS बनने की जर्नी कैसी थी ?
रेनू ने 2014 में UPSC का पेपर दिया था और पहली बार में ही इन्होंने एंट्रेंस क्रैक कर लिया था और इनकी पूरी इंडिया में 2nd रैंक आयी थी। जब इन्होंने UPSC का पेपर दिया ये उस वक़्त डॉक्टर की डिग्री भी हासिल कर चुकी थीं।
रेनू का पापा भी सरकारी नौकरी करते थे और इनकी माँ एक हाउसवाइफ हैं। रेनू ने डॉक्टर की पढाई कर तो ली थीं लेकिन ये UPSC की तैयारी फिर भी करना चाहती थीं। रेनू की दोनों बहनें और पति भी डॉक्टर हैं।
रेनू का बचपन से ही IAS ऑफिसर बनने का सपना था और ये उसके लिए कड़ी मेहनत करती थीं। रेंजू आम लोगों के लिए कुछ करना चाहती थीं जिसके कि उनकी लाइफ बेहतर हो सके। रेनू का मन्ना है कि डॉक्टर बनकर आप सिर्फ 100 लोगों कि मादा करेंगे लेकिन IAS बनकर आप हज़ार लोगों की मदद कर सकते हैं।