समाज में औरतों को हमेशा कम आंका जाता हैं।उनको शुरू से ही सिखाया जाता कि तुमे घर के काम करने अपने बच्चों और पति को देखना हैं लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएँ भी हमारे समाज हुई हैं जिन्होंने समाज से ऊपर उठकर नाम कमाया हैं। आज हम ऐसी ही एक स्त्री की बात करेंगे जिसने एक बार नही बल्कि 2 बार माउंट एवरेस्ट चोटी की सफलतापूर्वक चढ़ाई की है।
8848 मीटर की चोटी पर दो बार चढ़ने वाली पहली महिला
54 वर्षीय भारतीय महिला ‘संतोष यादव’ माउंट एवरेस्ट पर 2 बार चढ़ने वाली पहली औरत है 1992 में उन्होंने पहली बार माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी उसके बाद 1993 में की थी। इसके साथ हाई कांगसुंग की तरफ़ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली भी पहली महिला है।
हरियाणा की छोरी
हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले के छोटे से गाँवों में संतोष यादव जी का जन्म 1967 में हुआ था। माता का नाम श्रीमती चमेली देवी और पिता का नाम सूबेदार यादव सिंह था।
छोटे से गाँवों से माउंट एवरेस्ट तक पहुँचने तक का सफ़र बढ़ी हिम्मत से तय किया क्योंकि उस समय गांवों में लड़कियों को घर से बाहर निकलने नहीं देते थे उनकी पढ़ाई पर भी रोक थी।
उन्होंने इतनी कठिनाइयों के बावजूद भी महारानी लक्ष्मी कॉलेज से अपनी बीए की पढ़ाई खतम की। अपनी मेहनत और जज़्बे के कारण दुनिया की सबसे बढ़ी चोटी को एक बार नही बल्कि 2 बार सर कर लिया।
किन- किन अवार्डस से किया गया सम्मानित
1993 में जब उसने उन्होंने दूसरी बार 8848 मीटर ऊँची चोटी को फ़तह किया तब उनको 2000 में इस उपलब्धि के लिया राष्ट्रपति से पद्मश्री मिला। 1 साल बाद 2001 में लिम्का बुक ओफ़ रिकार्ड्स से नवाज़ा गया।
1994 में उन्हें नैशनल अड्वेंचर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
पहाड़ों में रुचि
शुरू से ही संतोष यादव जी की रुचि पहाड़ों में थी।वह हमेशा पहाड़ों में लोगों से मिलती रहती उनसे बात करना उसे अच्छा लगता। 1989 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। अलग -अलग देशों में जाकर कैप्स में भागीदारी की। जब पहली बार यादव में जब माउंट एवरेस्ट को सर किया तब वह इसे जीतने वाली पहली महिला थीं।