छोटे से गाँवों से माउंट एवरेस्ट तक पहुँचने तक का सफ़र बढ़ी हिम्मत से तय किया क्योंकि उस समय गांवों में लड़कियों को घर से बाहर निकलने नहीं देते थे उनकी पढ़ाई पर भी रोक थी।
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