कौन हैं सोनिया रमन? WNBA की पहली भारतीय मूल की हेड कोच

कानून के क्षेत्र से शुरुआत कर WNBA टीम की पहली भारतीय-अमेरिकी महिला हेड कोच बनने तक का सोनिया रमन का सफर हिम्मत, उद्देश्य और सीमाएँ तोड़ने की कहानी है।

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Rajveer Kaur
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Who Is Sonia Raman

सोनिया रमन ने इतिहास रच दिया है क्योंकि वह WNBA टीम सीएटल स्टॉर्म की हेड कोच नियुक्त होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला बन गई हैं। उनकी यह यात्रा साहस, स्पष्ट उद्देश्य और प्रोफेशनल बास्केटबॉल में लीडरशिप की नई परिभाषा गढ़ने की प्रेरणादायक कहानी है।

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कौन हैं सोनिया रमन? WNBA की पहली भारतीय मूल की हेड कोच

परंपरा नहीं, उद्देश्य को चुना

चेन्नई और नागपुर से ताल्लुक रखने वाले भारतीय प्रवासी माता-पिता के घर जन्मीं सोनिया रमन मैसाचुसेट्स में पली-बढ़ीं — उस समय जब अमेरिकी खेलों में दक्षिण एशियाई प्रतिनिधित्व लगभग न के बराबर था। 1992 से 1996 तक उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी की ओर से बतौर गार्ड खेला, जहाँ उन्हें उनके तेज़ खेल-बुद्धि, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता के लिए सराहा गया न कि केवल चमकदार स्कोरिंग के लिए।

स्नातक के बाद सोनिया रमन ने एक “सुरक्षित” रास्ता चुना। इसके साथ ही बोस्टन कॉलेज से कानून की पढ़ाई की और ऑफिस के कामों में लगी रहीं लेकिन बास्केटबॉल के लिए उनका प्यार कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने अपने शौक को अपनाने का फैसला किया और नौकरी छोड़कर कोच बनने का रास्ता चुना। यही फैसला उनकी ज़िंदगी बदल गया।

बास्केटबॉल में लीडरशिप की नई परिभाषा

सोनिया रमन की कोचिंग यात्रा की शुरुआत असिस्टेंट कोच के रूप में हुई, जिसमें वेल्सली कॉलेज जैसी जगहें शामिल थीं। इसके बाद उन्होंने MIT की महिला बास्केटबॉल टीम की हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली।

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2008 से 2020 तक, उन्होंने टीम को पूरी तरह बदल दिया। एक साधारण डिवीजन III टीम को उन्होंने एक मज़बूत और प्रतिस्पर्धी टीम बना दिया। उनकी कोचिंग में MIT ने दो NEWMAC चैंपियनशिप जीतीं और दो बार NCAA टूर्नामेंट में जगह बनाई।

पहले के खिलाड़ी सोनिया रमन को एक ऐसे कोच के रूप में याद करते हैं जो गुस्से या ऊँची आवाज़ से नहीं, बल्कि शांत आत्मविश्वास से टीम को संभालती थीं। वे सबको सिखाती थीं कि सच्ची ताकत शांति में होती है।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “मेरे लिए कोचिंग का मतलब हमेशा यही रहा कि मैं अपने खिलाड़ियों को कोर्ट के अंदर और बाहर, दोनों जगह उनका सबसे अच्छा रूप बनने में मदद कर सकूँ।”

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2020 में, सोनिया रमन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली जब मेम्फिस ग्रिज़लीज़ ने उन्हें असिस्टेंट कोच के रूप में नियुक्त किया। इससे वह उन कुछ महिलाओं में से एक बनीं, और पहली भारतीय-अमेरिकी महिला, जो NBA की कोचिंग टीम का हिस्सा बनीं।

उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए, ग्रिज़लीज़ के हेड कोच टेलर जेनकिंस ने कहा, “सोनिया के पास बास्केटबॉल की गहरी समझ है और खेल सिखाने की बेहतरीन क्षमता भी।” टीम ने उनके प्लेयर डेवलपमेंट में अनुभव और खिलाड़ियों के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की कला की भी तारीफ की।

सीएटल स्टॉर्म की हेड कोच के रूप में सोनिया रमन की नियुक्ति सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह महिलाओं, प्रवासियों और दक्षिण एशियाई समुदायों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन लोगों के लिए जो अक्सर खुद को ऐसे पदों पर नहीं देख पाते। कई लोगों के लिए उनकी सफलता यह याद दिलाती है कि सपनों तक पहुँचने का रास्ता हमेशा सीधा नहीं होता।

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