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यल्दा हाकिम कौन है ? अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है उसको लेकर सभी देश चिंतित है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़े के बाद वह पहली बार किसी मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते नज़र आये है। बीबीसी पत्रकार यल्दा हाकिम (Yalda Hakim) के पास अचानक आई तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन की कॉल। पत्रकार ने लाइव टीवी पर इस कॉल की बड़ी ही समझदारी से संभाला, जिस वजह से हर तरफ उनकी सराहना हो रही है।
हाकिम ने न सिर्फ फ़ोन को स्पीकर पर रख के दुनिया के सामने उनसे बात की ,बल्कि कई सवाल भी पूछे। जब न्यूज़ एंकर हकीम ने शाहीन से यह कहते हुए सवाल पूछा कि उन्हें कई अफगानी महिलाओ के मदद के लिए कॉल, टेक्स्ट मैसेज और ईमेल आ रहे है ,तो उस पर प्रवक्ता ने जवाब देते हुए कहा कि तालिबान “महिलाओं पर कोई कार्रवाई नहीं” करेगा, और लड़कियों की पढाई जारी रहेगी। तालिबानी प्रवक्ता ने साफ़ साफ़ कहा कि महिलाओं की शिक्षा और रोजगार तक पहुंच होगी, लेकिन उन्हें हिजाब पहनना होगा।
यल्दा हाकिम कौन है ?
- न्यूज़ एंकर याल्दा हकीम का जन्म अफगानिस्तान में हुआ था लेकिन उनके माता-पिता ने 1980 के दशक के बीच में देश छोड़ दिया था। तब हकीम महज़ छह महीने की थी।
- पत्रकार के माता - पिता ने अफगान-सोवियत युद्ध के कारण पकिस्तान में पनाह लेने की सोची। हकीम और उसका परिवार दस दिनों तक सड़क पर थे ,उसके बाद वह सभी पैदल देश छोड़ के पकिस्तान चले गए।
- पकिस्तान में वह 2 साल तक रहे ,उसके बाद वह न्यू साउथ वेल्स शिफ्ट हो गए।
- 38 वर्षीय हकीम ने पररामट्टा के मैकआर्थर गर्ल्स हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने सिडनी के मैक्ले कॉलेज से पत्रकारिता में डिग्री हासिल की।
- हाकिम ने पहले ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क SBS में कैडेटशिप प्राप्त की उसके बाद वह 2012 में लंदन गई ,जहा उन्होंने बीबीसी में काम करना शुरू किया।
- हाकिम तत्कालीन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई का इंटरव्यू लेने के लिए 2008 और फिर 2013 में अपने मूल देश अफगानिस्तान गई थी।
- उन्हें संयुक्त राष्ट्र मीडिया शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और अब वे प्रमुख बीबीसी कार्यक्रम "इम्पैक्ट" चलाती हैं।
फीचर इमेज क्रेडिट: बीबीसी लाइव स्क्रीनग्रैब
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