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जानिए 28 फरवरी को ही National Science Day क्यों मनाया जाता है?

हमारे देश भारत में हर साल 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाया जाता है। इसके पीछे भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सी.वी. रमन का योगदान है। आप शायद यह सोच रहे होंगे कि इस दिन उनका जन्मदिन होगा लेकिन यह गलत बात है।

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Rajveer Kaur
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National Science Day

Photograph: (Freepik)

Why National Science Day Celebrated On 28 February? 21वीं सदी का साइंस युग है। हमारी जिंदगी की आधी समस्याओं का समाधान साइंस के जरिए ही होता है। हर चीज के पीछे साइंस छुपी है। हमारे पास जो टेक्नोलॉजी है या फिर जिस तरह से हम एक-दूसरे के साथ कनेक्ट करते हैं, उसके पीछे भी साइंस का हाथ है। ऐसे में हम उन साइंटिस्ट लोगों के आभारी हैं जिन्होंने ऐसे आविष्कार किए और हमारी जिंदगी को आसान बनाया। ऐसे ही आज 'नेशनल साइंस डे' है लेकिन बहुत सारे लोग नहीं जानते हैं कि यह दिन क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे की क्या कहानी है। चलिए आज हम इसका जवाब जानते हैं-

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जानिए National Science Day 28 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है?

हमारे देश भारत में हर साल 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाया जाता है। इसके पीछे भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सी.वी. रमन का योगदान है। आप शायद यह सोच रहे होंगे कि इस दिन उनका जन्मदिन होगा लेकिन यह गलत बात है। इस दिन 28 फरवरी,1928 को रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जो इनकी खोज हैं। इस वैज्ञानिक सफलता के लिए उन्हें 1930 में नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया जिससे वह विज्ञान में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय बन गए। 1986 में, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने केंद्र से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने के लिए रिक्वेस्ट किया जिसके बाद से 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है।

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अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं 

इस दिन को भारत में यूथ को साइंस के बारे में अवगत कराने के लिए और इसके पहलू समझने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और वैज्ञानिक संस्थानों में मनाया जाता है जिसमें विज्ञान प्रदर्शनियों, व्याख्यानों, कार्यशालाओं और प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता है। 

थीम 2025

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2025 National Science Day का विषय है "विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना है जो इसे 'विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण के साथ जोड़ता है जिसका उद्देश्य एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाना है। इसके साथ ही भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में युवा दिमाग की भूमिका पर जोर देता है।

सी.वी. रमन के बारे में जानिए 

भौतिक विज्ञानी सर सी.वी. रमन का पूरा नाम सर चंद्रशेखर वेंकट रमन हैं जिनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था। उन्हें प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering Of Light) पर उनके अभूतपूर्व कार्य के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। इसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला था। उनकी इस खोज को अब "रमन प्रभाव" कहा जाता है।

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नोबेल पुरस्कार के अलावा, रमन को कई सम्मान मिले। 1929 में उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा नाइट (Knight) की उपाधि और 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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