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Why Unicorn Founder Ankiti Bose Suspened? इंडिया की पहली फीमेल यूनिकॉर्न फाउंडर "अंकिती बोस"

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Swati Bundela
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Ankiti Bose Suspened: सिंगापुर के हाई-प्रोफाइल स्टार्ट-अप ज़िलिंगो की Co-Founder और CEO जो इंडिया की पहली फीमेल यूनिकॉर्न फाउंडर कही जाती है- "अंकिती बोस" को उनकी कंपनी ने ससपेंड कर दिया है। उनका सस्पेंशन 5 मई तक रहने वाले है। आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? आईए जानते है पूरी डिटेल्स-

ज़िलिंगो कंपनी क्या है?

ज़िलिंगो जिसे सात साल पहले सिंगापुर में अंकिती बोस और ध्रुव कपूर ने मिलकर स्थापित किया जो पहले साउथ और साउथईस्ट एशिया के छोटे बिज़नेस को अपना सामान ऑनलाइन बेचने में मदद करती थी। फिर उन्होंने कई व्यापारियों के पास मजबूत टेक्नोलॉजी और कैपिटल की कमी को महसूस किया और कंपनी ने सॉफ्टवेयर और अन्य उपकरण डेवलप करने शुरू किए जो व्यापारियों को दुनियाभर में कारखानों तक पहुंचने में मदद करेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिपिंग की कॉम्प्लिकेटेड प्रोसेस को आसान बनाएंगे।

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कंपनी का बैकग्राउंड -

कैपिटल की कमी को दूर करने के लिए कंपनी ने 2018 में फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी फर्म्स के साथ मिलकर व्यापारियों को कच्चा माल मटेरियल खरीदने और माल बनाने के लिए उन्हें पैसो की मदद करनी शुरू की। 2019 में फर्म ने 226 मिलियन डॉलर एकत्र किए जिसे उनकी कंपनी यूनिकॉर्न बनी। पर महामारी के चलते कंपनी की ग्रोथ रुक गई।

लागत में कटौती जैसे आवश्यक कदम उठाने के बाद, कंपनी ने फ्रेश कैपिटल जुटाने का विचार बनाया। 2021 में, यह अनुमान लगाया गया था कि कंपनी 2021 में लगभग 40 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2022 में लगभग 60 मिलियन डॉलर और उसके बाद के वर्ष में 100 मिलियन डॉलर हो जाएगी। ज़िलिंगो ने यह भी कहा था कि उनका 2026 तक लगभग $ 200 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।

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अचनाक से  मार्च 31 एक मीटिंग में कंपनी की CEO अंकिती बोस पर फाइनेंसियल डिस्क्रिपन्सीस जैसे गंभीर आरोप लगाए गए और बोर्ड मेंबर्स द्वारा सवाल पूछे गए।

बोर्ड मीटिंग में क्या हुआ?

ज़िलिंगो कंपनी गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक नाम की कंपनी की मदद से $ 150 मिलियन से $ 200 मिलियन जुटाने की कोशिश कर रही थी, जब इन्वेस्टर्स ने फाइनेंस से जुड़े कुछ सवाल उठाना शुरू किए तब फाइनेंसियल रिपोर्ट में घोटाला नजर आया। साथ ही में Temasek Holdings PTe और Sequoia Capital India सहित कई इन्वेस्टर्स ने कंपनी की फाइनेंसियल रिपोर्ट्स व प्रैक्टिसेज की जांच शुरू कर दी।

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ऑडिटर ने भी कंपनी के अकाउंटिंग पर सवाल उठाए। जहाँ पता चला कंपनी ने 2019 के बाद अपनी एनुअल फाइनेंसियल स्टेटमेंट( Annual Financial Statements) फाइल नहीं की जो चिंता का केंद्र है। इसके लिए अंकिती बोस को ज़िम्मेदार ठहराया गया।


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