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सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने उस व्यक्ति की पत्नी को गिरफ्तार किया, जिस पर पिछले 10 वर्षों से 50 से अधिक बच्चों के साथ सेक्सुअल हर्रास्मेंट करने का आरोप था। कथित तौर पर, पत्नी को क्राइम के बारे में पता था और वह गवाहों और सबूतों को छुपा रही थी। सीबीआई ने उन्हें 4 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उसका पति, राम भवन ,उत्तर प्रदेश सरकार के एक पूर्व कर्मचारी था। उस पर पांच से 16 साल की उम्र के 50 से अधिक बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार का आरोप है। उन पर डार्क वेब पर बच्चों की पीडोफाइल के लिए आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बेचने या शेयर करने का भी आरोप है।
उन्हें इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और इंडियन पीनल कोड की धारा 377 के तहत एक दशक से 5 से 16 के बीच बच्चों के कथित यौन शोषण के आरोपों के साथ पकड़ा गया है। सीबीआई को आठ सेलफोन और लगभग आठ लाख की नकदी मिली। CBI द्वारा लगभग 610 फोटोग्राफ और बच्चों के 66 वीडियो भी एकत्र किए गए। उन्हें यूपी के बांदा जिले की विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आजकल चाइल्ड एब्यूज या चाइल्ड हरस्मेंट केस कुछ ज़्यादा मात्रा में ही देखे जाने लगे हैं। कुछ दनो पहले तेलंगाना के एक गवर्नमेंट स्कूल के हेडमास्टर पर अपने ही स्कूल की लड़कियों के हरस्मेंट का केस सामने आया था। क्या इससे हम यह समझें की क़ानून या सजा का दर किसी में रहह ही नहीं है जो ये घिनौनी वारदातें दिनभर दिन बढ़ती ही जा रहीं हैं।
पढ़िए : क्या आपके बच्चे का यौन शोषण हुआ है ? बाल यौन शोषण के लक्षण क्या हैं ?
उन्हें इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और इंडियन पीनल कोड की धारा 377 के तहत एक दशक से 5 से 16 के बीच बच्चों के कथित यौन शोषण के आरोपों के साथ पकड़ा गया है। सीबीआई को आठ सेलफोन और लगभग आठ लाख की नकदी मिली। CBI द्वारा लगभग 610 फोटोग्राफ और बच्चों के 66 वीडियो भी एकत्र किए गए। उन्हें यूपी के बांदा जिले की विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर एक दिन 100 से अधिक बच्चों का यौन शोषण किया जाता है।
आजकल चाइल्ड एब्यूज या चाइल्ड हरस्मेंट केस कुछ ज़्यादा मात्रा में ही देखे जाने लगे हैं। कुछ दनो पहले तेलंगाना के एक गवर्नमेंट स्कूल के हेडमास्टर पर अपने ही स्कूल की लड़कियों के हरस्मेंट का केस सामने आया था। क्या इससे हम यह समझें की क़ानून या सजा का दर किसी में रहह ही नहीं है जो ये घिनौनी वारदातें दिनभर दिन बढ़ती ही जा रहीं हैं।
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