United Nations के अनुसार हर साल 1 दिसंबर को ‘विश्व एड्स दिवस’ मनाया जाता हैं। इस दिन दुनिया भर के लोग एचआईवी से पीड़ित और प्रभावित लोगों के लिए समर्थन दिखाने और एड्स से अपनी जान गंवाने वालों को याद करने के लिए एकजुट होते हैं। UNAIDS के Executive डायरेक्टर Winnie Byanyima का कहना हैं, “दवाओं तक पहुंच में असमानताएं एचआईवी प्रतिक्रिया को प्रभावित करती रहती हैं। हमें ऐसे इन्नोवेशंस को आगे बढ़ाना चाहिए जो उन असमानताओं को समाप्त कर सकें जो नए एचआईवी संक्रमणों को जन्म देती हैं और लोगों को जीवन रक्षक सेवाओं तक पहुंचने से रोकती हैं। यह #बराबरी करने का समय है! @UNITAID”
World Aids Day: विशेष दिन में जानें एड्स से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
एड्ज़ का नाम सुनते ही बहुत से लोग डरना शुरू करना देते है। आज विश्व एड्ज़ पर हम ऐसी मिथ्स को दूर करना चाहते हैं जो समाज में फैली हुई हैं।
-ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें लगता है कि HIV और एड्ज़ दोनों एक चीज़ लेकिन ऐसा नहीं है। HIV जिसका पूरा नाम ह्यूमन इम्यनोडिफिसिएंशी वायरस है। यह एक वायरस है जिससे एड्ज़ होने का ख़तरा बढ़ जाता है लेकिन यह एड्ज़ नहीं है।
-एड्ज़ का कोई इलाज नहीं है।इसके असर को कम किया जा सकता लेकिन इसका उपचार नहीं किया जा सकता है।
-PrEP लेने से ऐसा नहीं है कि आपको कॉंडम का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।
-जिन लोगों का टेस्ट HIV नेगेटिव है वह असुरक्षित सेक्स कर सकते है लेकिन यह सच नहीं है।
UNAIDS डाटा के अनुसार हर हफ्ते, 15-24 साल की लगभग 4900 युवा महिलाएं एचआईवी से संक्रमित हो जाती हैं। इसके साथ ही एचआईवी होने के का जोखिम है:
-नशीली दवाओं का इंजेक्शन लगाने वाले व्यक्तिओं में उन एडल्ट्स की तुलना में 35 गुना अधिक है जो ड्रग्स का इंजेक्शन नहीं लगाते हैं।
-महिला यौन कर्मियों के लिए एडल्ट महिलाओं की तुलना में 30 गुना अधिक है।
-एडल्ट पुरुषों की तुलना में पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले समलैंगिक पुरुषों और अन्य पुरुषों में यह 28 गुना अधिक है।
-एडल्ट महिलाओं की तुलना में ट्रांसजेंडर महिलाओं के लिए 14 गुना अधिक।