World Cancer Day: आज विश्व के साथ-साथ भारत मना रहा है विश्व कैंसर दिवस। हर वर्ष 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो कैंसर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कारण है मृत्यु के पीछे। विश्व में हर 06 व्यक्तियों में 01 व्यक्ति की मृत्यु कैंसर से होती हैं। इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो हर वर्ष कैंसर से लगभग 4,59,000 मृत्यु पूर्वी भूमध्य क्षेत्रों में पाई गई है।
क्या है इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस की थीम
इस वर्ष कैंसर की थीम, पिछले वर्ष की थीम का ही दूसरा वर्ष होगा। पिछले वर्ष की थीम, "क्लोज़ द केयर गैप" थी। थीम का मुख्य उद्देश्य है कैंसर से जुड़ी दखभाल के दौरान आ रही असमानताओं को समझना और उसको दूर करने के साथ-साथ आने वाली प्रगतियों पर ध्यान देना। इसकी थीम का मुख्य उद्देश्य उन बिंदुओं को समझना है जो कैंसर से जुड़ी केयर में बाधा बन रहे हैं। इसमें सामाजिक, आर्थिक, जैंडर बेस्ड, लाइफ़स्टाइल, शैक्षिक स्तर, डिसेबिलिटी, इन्कम, सास्कृतिक जैसे स्तर शामिल हैं। इस स्तर पर बहुत से कारणों के चलते कैंसर के प्रति रोकथाम प्रभावित होता है।
क्या है कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य
विश्व कैंसर दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना है। कैंसर क्या है, किस तरह कैंसर से बचा जा सकता है, इससे जुड़ी स्टेजिस, इसका ट्रीटमेंट, इसके लक्षण आदि से लोगों को परिचित कराना। सरकारी, गैर-सरकारी, एनजीओ जैसे संगठन कैंपेन, पोस्टर्स, पैंफ्लेट्स, बोर्ड्स आदि के जरिए लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही जगह-जगह कैंसर से जुड़े कैंप भी लगाए जाते हैं।
क्या होता है कैंसर
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो कैंसर एक तरह का बीमारियों का समूह है जिसमें असमान्य कोशिकाएं शरीर के किसी भी अंग या ऊतक यानि टिश्यू में अनियंत्रित रूप से बढ़ना शुरू हो जाती हैं। कैंसर में समान्य कोशिकाएं धीरे-धीरे असमान्य कोशिकाओं में बदलने लगती हैं, जो कई तरह की स्टेजिस में होता है। ये प्रक्रिया एक जगह से शुरू होकर धीरे-धीरे शरीर के आसपास के हिस्सों में फैलकर पूरे शरीर में हो जाती है, जिससे एक समय बाद मृत्यु हो जाती है। ऐसे में ज़रूरी है कैंसर का समय रहते पहले की स्टेजिस में ही इलाज करा लें। कैंसर का इलाज या ट्रीटमेंट कीमोथेरेपी, सर्जरी या रेडियोथेरेपी के जरिए होता है।
नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार स्थिति बहुत गंभीर है। वर्ष 2020 में भारत में 13.9 लाख लोग कैंसर की चपेट में रहे। ऐसा माना जा रहा है कि 2025 तक ये आंकड़ा 15.7 लाख़ तक पहुंच जाएगा।