बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।इस अवार्ड को भारतीय सिनमा का सबसे उच्च अवार्ड माना जाता है। 30 सितंबर को यह अवार्ड उनको फ़िल्म इंडस्ट्री के योगदान के लिए दिया जाएगा।बता दे कि आशा पारेख अपने समय कि जानी माने ऐक्ट्रेस रहीं है।सूचना एजेन्सी एएनआई ने इसकी जानकारी दी है।
दादा साहेब फाल्के अवार्ड
दादा साहेब फाल्के अवार्ड सिनेमा जगत का सबसे उच्च दर्जे का अवार्ड है।यह अवार्ड हर साल डायरेक्टोरेट ऑफ़ फ़िल्म फ़ेस्टिवलस जो के मिनिस्ट्री ऑफ़ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग की एक संस्था है उनके द्वारा आयोजित किया जाता है। इस साल आशा परोख को 68वें नैशनल अवार्ड पर दिया जाएगा। यह अवार्ड 2020 को दिया जाना था पर कोविड कारण इस साल दिया जाएगा।इससे पहले यह सम्मान रजनीकांत को दिया गया था।
22 साल में पहली बार महिला को अवार्ड
22 साल में यह पहली बार किसी महिला को यह अवार्ड मिलने जा रहा है। इससे पहले यह अवार्ड 2000 में आशा भोंसले जी को मिला था।इसके पहला लता मंगेशकर जी, दुर्गा खोटे,कानन देवी,रूबी मेयर्स, देविका रानी को भी मिल चुका है।
आशा पारोख के जीवन और फ़िल्मी सफ़र
आशा का जन्म 2अक्तूबर 1942 को गुजरात के परिवार में हुआ।10 साल की उम्र में एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी।तब उन्होंने 1952 में आसमान फ़िल्म की थी।
बतौर एक्टर उनकी पहली फ़िल्म के ‘दिल देके देखो’ की और वह सफल हुई थी। इसके अलावा उन्होंने फ़िल्म मेकर नासिर के साथ अच्छे और फ़िल्मों में काम किया।
95 से ज़्यादा फ़िल्मों में अभिनेत्री काम कर चुकी है और अपने समय कि सबसे ज़्यादा फ़ीस चार्ज करने वाली ऐक्ट्रेस है।लोग उनको ‘हिट गर्ल’ के नाम से बुलाते थे।
कटी पतंग, मेरा गाँव मेरा देश, तीसरी मंज़िल, लव इन टोक्यो, कालिया, प्यार का मौसम, आया सावन झूम के, प्यार का मौसम, चिराग़, दो बदन आदि बहुत सी हिट फ़िल्में की है।
अभिनेत्री आशा पारेख ने अपनी पूरी ज़िंदगी में शादी नहीं वे पूरी ज़िंदगी अविवाहित ही रही है।
आशा पारेख को 1992 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्होंने 2002 में ‘फिल्मफेअर लाइफ़्टायम अचीव्मेंट अवार्ड', 2006 में ‘आईआईएफ़ए अवार्ड फ़ोर आउट्स्टैंडिंग अचीव्मेंट इन इंडियन सिनेमा’ अवार्ड़, ‘आईआईएफ़ए लाइफ़्टायम अचीव्मेंट’ अवार्ड आदि बहुत से अवार्ड मिले है।