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अतमनतन में मेहमान योग के साथ साथ पहाड़ियों के दृश्य का और स्पा ट्रीटमेंट्स का मज़ा लेते हैं.
कपूर एक प्राणिक हीलर है और इस विज्ञान ने उनके जीने के अंदाज़ को पूरी तरह से बदल दिया है. सात साल पहले, उन्होंने निर्णय लिया क़ि वह धीरे धीरे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की ओर काम करना शुरू करेंगी.
"उसको सेट-अप करने में अपना समय लगा है", वह कहती हैं. ज़मीन खरीदने से लेकर उसकी फंडिंग तक और फिर उससे एक पहाड़ी इलाके में उसका निर्माण करने में उन्हें और उनके को-फाउंडर निखिल कपूर को एक के बाद एक मुश्किल का सामना करना पड़ा.
"रिसोर्ट की फंडिंग मिलना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी.", कपूर कहती हैं. "बैंक्स वैलनेस हॉस्पिटैलिटी के विषय को ठीक से समझ नहीं पाए. कुछ लोगों ने तो हमसे यह भी पुछा यदि हम एक अस्पताल का निर्माण कर रहे थे.", उन्होंने बताया.
मुलशी जैसी जगह पे इसे बनाने के अपनी ही चुनौतियाँ थी. उस क्षेत्र में महाराष्ठ्र में सबसे ज़्यादा बारिश आती है और निर्माण का काम केवल १ साल में ६ महीने हो सकता है."ऐसा लग रहा था मनो मैं अपने सपनो का घर डिज़ाइन कर रही हूँ.फर्क यह था क़ि मुझे इस बात का ध्यान रखना था क़ि सब लोग इसका आनंद उठा सके."
उस रिसोर्ट को उसके खुलने के ७ महीने में ही अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, कपूर बताती हैं. "जब आप कुछ ऐसा बेच रहे हो जो जीवन को परिवर्तित करता है तो लोग उसे ज़्यादा याद करते हैं.", वह कहती हैं.
तो जब कोई मेहमान आता है तो क्या होता है?
पढ़िए : मिलिए आंड्ररा तंशिरीन से – हॉकी विलेज की संस्थापक
उन्हें सबसे पहले भरने के लिए एक प्रश्नावली दी जाती है. फिर वह एक डॉक्टर को कंसल्ट करते हैं जो उनके द्वारा आयोजित ८ रिट्रीट प्रोग्राम्स में से एक लेने का सुझाव देते हैं.
"हम चाहते हैं क़ि जो लोग हमारे रिसोर्ट में आये वह अच्छे से इसमें शामिल हो जाये. जब आप अपने बेस्ट होंगे तभी अपना बेस्ट दे पाएंगे."
यहाँ लोग अपनी आदतें छुड़ाने, मेडिटेट करने और आराम करने आते हैं. "यह एक परफेक्ट वेकेशन क़ि तरह होती हैं क्योंकि वह बहुत अच्छे लग रहे होते हैं और उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता हैं, वह कहती हैं.
सात साल चुनौतियों का सामना करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. "हम दोनों जानते थे क़ि इस जगह को क्या चाहिए. हमें पता था क़ि यह एक ऐसी चीज़ हैं जो लोगों को चाहिए.", उन्होंने बताया.
वह एन्त्रेप्रेंयूर्स को क्या सुझाव देना चाहेंगी?
“बड़े सपने देखो, अपने सपनो पे विश्वास रखो. मेरे सपने के पूरे होने में २ दशक लगे हैं. अपने आप को याद दिलाओ क़ि आपने पहले ही इस सपने के विषय में क्यों सोचा था.मैं चमत्कारों में विश्वास रखती हूँ," कपूर कहती हैं.
कपूर टीम की शक्ति के विषय में भी बात करती हैं."आप एक अच्छी टीम के बिना कुछ नहीं कर सकते", वह कहती हैं. उनकी टीम को पूरा समय ट्रेन किया जाता हैं और जब वह किसी को काम पे रखती हैं तो वह उचित मानसिक व्यवहार ढूंढ़ती हैं क्योंकि उनके महमानों को वहां पर उनका सहारा चाहिए.
अतमनतन को वह वैलनेस का सर्वश्रेस्थ रिसोर्ट बनाना चाहती हैं. वह एक इंटरप्रेन्योर हैं जिनके अनुसार सब कुछ मुमकिन है और वह सदा अपने सपनो को पूरा करने की कोशिश करती रहेंगी.
पढ़िए : जानिए किस प्रकार मरक का पुस्तकालय देता है बच्चों को एक सकारात्मक वातावरण
शर्मीली अग्रवाल कपूर अतमनतन की फाउंडर हैं. अतमनतन एक बहुत सुन्दर लक्ज़री और इंटीग्रेटेड रिसोर्ट है जो पुणे के पास मुलशी में स्थित है. अपना एक लक्ज़री वैलनेस रिसोर्ट खोलने का उनका सपना शुरू हुआ जब वह केवल १८ साल की थी. वह सपना उनकी म.बी.ए की पढ़ाई पूरी होने तक उनके साथ रहा, वह शीदपीपल.टीवी को बताती हैं.कपूर एक प्राणिक हीलर है और इस विज्ञान ने उनके जीने के अंदाज़ को पूरी तरह से बदल दिया है. सात साल पहले, उन्होंने निर्णय लिया क़ि वह धीरे धीरे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की ओर काम करना शुरू करेंगी.
"उसको सेट-अप करने में अपना समय लगा है", वह कहती हैं. ज़मीन खरीदने से लेकर उसकी फंडिंग तक और फिर उससे एक पहाड़ी इलाके में उसका निर्माण करने में उन्हें और उनके को-फाउंडर निखिल कपूर को एक के बाद एक मुश्किल का सामना करना पड़ा.
"रिसोर्ट की फंडिंग मिलना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी.", कपूर कहती हैं. "बैंक्स वैलनेस हॉस्पिटैलिटी के विषय को ठीक से समझ नहीं पाए. कुछ लोगों ने तो हमसे यह भी पुछा यदि हम एक अस्पताल का निर्माण कर रहे थे.", उन्होंने बताया.
मैं चमत्कारों में विश्वास रखती हूँ - कपूर
मुलशी जैसी जगह पे इसे बनाने के अपनी ही चुनौतियाँ थी. उस क्षेत्र में महाराष्ठ्र में सबसे ज़्यादा बारिश आती है और निर्माण का काम केवल १ साल में ६ महीने हो सकता है."ऐसा लग रहा था मनो मैं अपने सपनो का घर डिज़ाइन कर रही हूँ.फर्क यह था क़ि मुझे इस बात का ध्यान रखना था क़ि सब लोग इसका आनंद उठा सके."
उस रिसोर्ट को उसके खुलने के ७ महीने में ही अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, कपूर बताती हैं. "जब आप कुछ ऐसा बेच रहे हो जो जीवन को परिवर्तित करता है तो लोग उसे ज़्यादा याद करते हैं.", वह कहती हैं.
“बड़े सपने देखो, अपने सपनो पे विश्वास रखो. मेरे सपने के पूरे होने में २ दशक लगे हैं. अपने आप को याद दिलाओ क़ि आपने पहले ही इस सपने के विषय में क्यों सोचा था."- कपूर
तो जब कोई मेहमान आता है तो क्या होता है?
पढ़िए : मिलिए आंड्ररा तंशिरीन से – हॉकी विलेज की संस्थापक
उन्हें सबसे पहले भरने के लिए एक प्रश्नावली दी जाती है. फिर वह एक डॉक्टर को कंसल्ट करते हैं जो उनके द्वारा आयोजित ८ रिट्रीट प्रोग्राम्स में से एक लेने का सुझाव देते हैं.
"हम चाहते हैं क़ि जो लोग हमारे रिसोर्ट में आये वह अच्छे से इसमें शामिल हो जाये. जब आप अपने बेस्ट होंगे तभी अपना बेस्ट दे पाएंगे."
यहाँ लोग अपनी आदतें छुड़ाने, मेडिटेट करने और आराम करने आते हैं. "यह एक परफेक्ट वेकेशन क़ि तरह होती हैं क्योंकि वह बहुत अच्छे लग रहे होते हैं और उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता हैं, वह कहती हैं.
सात साल चुनौतियों का सामना करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. "हम दोनों जानते थे क़ि इस जगह को क्या चाहिए. हमें पता था क़ि यह एक ऐसी चीज़ हैं जो लोगों को चाहिए.", उन्होंने बताया.
वह एन्त्रेप्रेंयूर्स को क्या सुझाव देना चाहेंगी?
“बड़े सपने देखो, अपने सपनो पे विश्वास रखो. मेरे सपने के पूरे होने में २ दशक लगे हैं. अपने आप को याद दिलाओ क़ि आपने पहले ही इस सपने के विषय में क्यों सोचा था.मैं चमत्कारों में विश्वास रखती हूँ," कपूर कहती हैं.
कपूर टीम की शक्ति के विषय में भी बात करती हैं."आप एक अच्छी टीम के बिना कुछ नहीं कर सकते", वह कहती हैं. उनकी टीम को पूरा समय ट्रेन किया जाता हैं और जब वह किसी को काम पे रखती हैं तो वह उचित मानसिक व्यवहार ढूंढ़ती हैं क्योंकि उनके महमानों को वहां पर उनका सहारा चाहिए.
अतमनतन को वह वैलनेस का सर्वश्रेस्थ रिसोर्ट बनाना चाहती हैं. वह एक इंटरप्रेन्योर हैं जिनके अनुसार सब कुछ मुमकिन है और वह सदा अपने सपनो को पूरा करने की कोशिश करती रहेंगी.
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