3 UPSC Aspirants Died Due To Flooding: मॉनसून के दिनों में जगह-जगह जलभराव हो जाता है। यह कई जानलेवा भी हो सकता है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में सामने आया है। आईएएस कोचिंग सेंटर में बारिश के कारण बेसमेंट में पानी भर गया। इसके कारण तीन बच्चों की मौत हो गईं। पुलिस के अनुसार सूचना मिलने पर एनडीआरएफ को बुलाया गया जिन्होंने 14 बच्चों को बचाया और तीन बच्चों के शव निकाले गए। यह बहुत ही दुखदाई मामला है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या हमारे समाज में बच्चों की जान इतनी सस्ती हो गई है कि एक बारिश आने से वो खत्म हो जाती है। इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? क्या इन बच्चों को इंसाफ मिल पाएगा? क्या मां-बाप अपने बच्चों से वापस मिल पाएंगे? इन सभी सवालों के जवाब किसी के पास नहीं हैं।
IAS कोचिंग सेंटर में 3 मौतें, क्या बच्चों की जान इतनी सस्ती है?
सबसे बड़ा सवाल हमारे देश के वाटर सिस्टम पर उठता है जो एक बारिश से पूरी तरह कॉलेप्स हो जाता है। इसके साथ ही वो लोग भी अपराधी हैं जिनकी तरफ से अवैध तरीके से कोचिंग सेंटर बेसमेंट में चलाए जा रहे हैं। एमसीडी की तरफ से 13 अवैध कोचिंग सेंटर को बंद किया गया है जिन्हें बेसमेंट से चलाया जा रहा था। इसके साथ ही उनसे जवाब भी मांगे गए हैं। दिल्ली नगरपालिका की तरफ से इस जैसे तीन कोचिंग सेंटर के ऊपर ताला लगाया गया जहां पर ऐसी घटना होने की संभावना थी।
अब इस तस्वीर से यह पता चलता है कि कैसे पैसे कमाने के लिए कोचिंग सेंटर बेसमेंट में से चलाए जा रहे हैं जहां पर बच्चों की सेफ्टी का कोई प्रबंध नहीं है। अगर कोई भी खराबी या फिर दुर्घटना हो जाती है तो उनके निकलने के लिए कोई भी सुरक्षित प्रबंध नहीं है। राव आईएएस सेंटर में बेसमेंट में भी ऐसा ही हुआ जहां पर पावर कट के करण बायोमेट्रिक ने काम करना बंद कर दिया और वहां पर पूरा अंधेरा हो गया। सड़क पर जलभराव हुआ था लेकिन गेट बंद होने के कारण पानी अंदर नहीं घुस पाया। जब बहाव तेज हुआ तो पानी अंदर जाना शुरू हो गया और कुछ ही मिनट में पूरा बेसमेंट पानी से भर गया।
जब बच्चे बड़े-बड़े सपने लेकर घर से बाहर निकलते हैं तब अपना सब कुछ लेकर निकल जाते हैं उनके पास पीछे मुड़ने की कोई वजह नहीं होती है। मां-बाप यही आशा करते हैं कि अब हमारा बच्चा कुछ बनकर ही घर लौटेगा लेकिन जब उन्हें यह खबर मिलती है कि हमारा बच्चा खराब सिस्टम की भेंट चढ़ गया है तब उनके मन पर क्या गुजरती होंगी, इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। यह एक ऐसा फेलियर है जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता है। जिन तीन बच्चों की जान गई है वह अपने साथ सब कुछ लेकर चले गए हैं।