Ambition Is Not Bad Trait: पहले समय में लड़कियों के लिए सपने देखना ही गुनाह हो जाता था लेकिन आज की नारी सपने देखती भी है और पूरा करने की हिम्मत भी रखती है। इसलिए आप कभी भी सपने देखने से घबराएँ नहीं। यह आपकी ज़िंदगी है इसलिए आपका हक़ है इसको किस तरीक़े से जीना है। आपकी ज़िंदगी के फ़ैसले दूसरों को मत लेने दीजिए। अपने लिए खड़े होना सीखिए कोई भी आपके लिए खड़ा नहीं होगा। कई बार अपने परिवार के भी ख़िलाफ़ जाना पड़ेगा। अगर आपको लगता है यह रास्ता या फिर यह फ़ैसला मेरे लिए सही है तो उस पर चलना शुरू कर दें। ऐसा मत सोचिए आप अकेले हैं। आज आप चुप बैठ गईं तो कुछ समय बाद आप ही पछताएँगी और सोचेंगी काश! उस दिन एक स्टेप उठा लिया होता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।
महिलाएं सपने देख भी सकती हैं उन्हें पूरा भी कर सकती हैं
अपने कम्फ़र्ट ज़ोन से निकलें
लाइफ़ में अपने कम्फ़र्ट ज़ोन से निकलना सीखें। अपने ज़ोन में रहकर ज़िंदगी जीना बहुत आसान लगता है लेकिन इसमें हमारा कोई विकास नहीं है इसलिए ज़िंदगी में रिस्क लें। आप जो भी सोच रही हैं उसे पूरा करिए। रास्ता आसान नहीं होगा। लोग बोलेंगे भी, जज भी करेंगे, सवाल भी उठाएँगे लेकिन इनका सामना करना पड़ेगा। इसके लिए आपको बहुत बहादुर होना पड़ेगा और दिल से ताक़तवर बनना पड़ेगा। रास्ता कठिनाइयों से भरा होगा लेकिन आपको हिम्मत से आगे बढ़ना है।
औरत होना कमजोरी नहीं ताक़त है
आप कभी भी यह मत समझिए कि औरत होना आपकी कमजोरी है, नहीं यह आपकी ताक़त है। एक औरत कुछ भी कर सकती है। वह रानी लक्ष्मी की तरह मैदान में लड़ सकती है, कल्पना की तरह आकाश में भी जा सकती है, सावित्रीबाई फुले की तरह लोगों को शिक्षत भी कर सकती है। वह कमला भसीन की तरह मर्द प्रधान समाज के सामने अड़ सकती है। औरत की ताकतें असीम हैं लेकिन उन्हें ढूंढने की ज़रूरत है।
आप जिसकी हक़दार हैं उसे अचीव कीजिए
महिलाएं सपने देख भी सकती हैं उन्हें पूरा भी कर सकती हैं। आप इस दुनिया में जो चाहें वह कर सकती हैं बस जरूरत है थोड़ी हिम्मत की क्यूँकि समाज से औरत की आज़ादी और बेबाक़ी बर्दाश्त नहीं होती। इसके लिए उठिए और जो आपके सपने हैं उन्हें पूरा कीजिए। आप इस दुनिया में एक उदाहरण बन सकती हैं। हमारे देश की राष्ट्रपति जी को ही देख लीजिए वह एक आदिवासी परिवार से सम्बन्ध रखती हैं लेकिन उन्होंने इसको अपनी ताकत बनाया देश की पहली आदिवासी राष्ट्रीपति बन गईं। इसलिए परवाह मत कीजिए आप सोचें आप क्या करना चाहतीं बस पूरे समाज का ठेका आपके ऊपर नहीं है।