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Family: क्या सब ज़िम्मेदारियाँ बहू की हैं, ससुराल की कोई नहीं?

हमारे समाज में जब से लड़की की शादी होती है, बहुत सारी ज़िम्मेदारियाँ तभी उस पर डाल दी जाती हैं। ससुराल वाले रीति-रिवाज़ निभा कर समझते हैं कि अब हम तो सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हैं जो करना है अब से इसे ही करना है।

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Mandie Panesar
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Are all the responsibilities of the daughter-in-law? (Image Credit: freepik)

Are all the responsibilities of the daughter-in-law? : हमारे समाज में जब से लड़की की शादी होती है, बहुत सारी ज़िम्मेदारियाँ तभी उस पर डाल दी जाती हैं। यह भी नहीं समझा जाता कि वह कैसे माहौल से आई है और उसे इस नए घर के माहौल को समझने के लिए उपयुक्त समय दिया जाना चाहिए। 

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क्या सब ज़िम्मेदारियाँ बहू की हैं, ससुराल की कोई नहीं?

ससुराल में जिस दिन से बहु आ जाती है, हर सास-ससुर, पति और बाकी फैमिली यही जताते हैं कि अब सारी घर परिवार, रिश्तेदारों की ज़िम्मेदारी बहु की ही है जैसे वो इस चीज़ का कोर्स कर के आई हो। ससुराल वाले रीति-रिवाज़ निभा कर समझते हैं कि अब हम तो सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हैं जो करना है अब से इसे ही करना है। सुबह के चाय-नाश्ते से लेकर रात को सबको सुलाने के बाद सोना ही बहु की ज़िंदगी बन जाती है। आएं जानते हैं कि आज के समय में भी बहु को ससुराल में कैसी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है।

उसकी ज़रूरतों का ख्याल कौन रखेगा!

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बहु पूरा दिन घर का काम करते-करते यह भूल जाती है कि उसकी अपनी भी कोई ज़िंदगी है और उसे खुद के लिए भी समय निकलना है। अक्सर घर में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होता जो उससे कहे कि अब उसे कुछ आराम करना चाहिए। सब लोग क्या कहेंगे यही सोच कर वह पूरा दिन काम में व्यस्त रहती है और उसकी ज़रूरतों की ज़िम्मेदारी किसी की भी नहीं होती। 

बिमारी को ड्रामा समझा जाता है

जब घर में कोई भी बीमार होता है तो बहु की ज़िम्मेदारी होती है सबका ध्यान रखना लेकिन जब वह बीमार होती है तो उसका ध्यान कोई नहीं रखता। और तो और उसे आराम करने के लिए भी बोला नहीं जाता क्योंकि अगर वह आराम करेगी तो काम कौन करेगा। उसे अक्सर ऐसा ही जताया जाता है कि वह इतनी भी बीमार नहीं है, इतनी सी बिमारी में तो सब लोग काम करते हैं। 

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सहन करना आना चाहिए

लोगों ने सुशील बहु की तो जैसे दिमाग में एक ही छवि बना ली है कि बहु को ससुराल में अच्छा-बुरा सब सहन करना आना चाहिए। उसे न तो किसी बात पर बोलना चाहिए और न ही अपनी बात आगे रखनी चाहिए। उसे बस अपने काम पर ध्यान देना है।  जो औरत ऐसी सब चीज़ें सहन कर जाती है उसी को अच्छी बहु माना जाता है। इसका कारण यही है कि बाकी घर वालों की कोई ज़िम्मेदारी बहु के प्रति समझी ही नहीं जाती। 

हमारे समाज को यह समझना चाहिए कि बहु को परिवार के साथ मेल-जॉल बढ़ाने के लिए समय चाहिए। उस पर आते ही एकदम सारी ज़िम्मेदारी न डालें, उसके काम में हाथ बटाएं। उसकी ज़रूरतों का ध्यान खुद रखें क्योंकि हो सकता है कि वह आपसे खुल कर अपनी बात न कह सके। उसके मायके के बारे में उसके सामने कुछ भी बुरा-भला न कहें। आज आप जैसा ध्यान अपनी बहु का रखेंगे वैसा ही वह आने वाले समय में आपका रखेगी।  

ससुराल Daughter-In-law बहू
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