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क्या महिलाओं को लाइफ में सेटल होने के लिए शादी जरूरी है?

जब भी लाइफ में सेटल होने की बात आती है तब महिलाओं को शादी करने की सलाह दी जाती है। क्या महिलाएं सिर्फ शादी करने से ही सेटल हो सकती हैं? यह आज के समय में एक बड़ा सवाल है।

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Rajveer Kaur
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Are Women Only Settled If They Are Married? जब भी लाइफ में सेटल होने की बात आती है तब महिलाओं को शादी करने की सलाह दी जाती है। क्या महिलाएं सिर्फ शादी करने से ही सेटल हो सकती हैं? यह आज के समय में एक बड़ा सवाल है। शादी के पीछे महिलाओं के सारे सपने, मेहनत और अचीवमेंट खत्म हो जाती हैं। जब तक किसी महिला की शादी नहीं होती है तब तक समाज की नजरों में उसने कुछ भी नहीं किया है। समाज को महिला का टॉक्सिक शादी में होना, अविवाहित होने से ज्यादा बेहतर लगता है। आज हम जानेंगे क्या सच में महिलाएं शादी होने के बाद सेटल डाउन होती हैं?

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क्या महिलाओं को लाइफ में सेटल होने के लिए शादी जरूरी है?

स्टीरियोटाइप सोच का शिकार

जिन लोगों का यह सोचना है कि महिलाएं तभी अपनी लाइफ में सेटल हो सकती हैं जब उनकी शादी हो जाती है या उनके बच्चे हो जाते हैं तो वे लोग रूढ़िवादी या फिर स्टीरियोटाइप सोच का शिकार हैं। इन लोगों की सोच के साथ कुछ नहीं हो सकता है। ऐसे में आपको इन बातों का प्रेशर नहीं लेना है। शादी आपकी वर्थ डिसाइड नहीं करती है। शादी एक पर्सनल चॉइस है। आप शादी करना चाहते हैं या नहीं, इससे किसी का कोई लेना-देना नहीं है। शादी करने के बाद लाइफ सेटल होने की बजाय दोबारा से शुरू होती है।

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हर किसी की अलग डेफिनिशन

अगर हम कहें कि जिंदगी में सेटल होने की सिर्फ एक ही डेफिनेशन है और वह शादी करना है तो हम यहां पर गलत है। हम सब अलग हैं और हम सब की प्रेफरेंस, टेस्ट और डिजायर्स भी अलग होती हैं। ऐसे ही अगर हम सेटल डाउन होने की बात करें तो हर किसी के लिए यह अलग हो सकता है। अगर एक महिला हाउसवाइफ है, वह उसमें भी खुश है और यह उसकी चॉइस है तब भी वह सेटल डाउन है। अगर एक महिला इंडिपेंडेंट है तो शायद उसके लिए सेटल डाउन होना वही हो सकता है। हम हर किसी के सपनों को एक ही तराजू में तोल नहीं सकते हैं। यह लाइफ है और सबको अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का अधिकार है।

आपकी ख़ुशी सबसे जरुरी 

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अब कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं कि जिन्हें अपनी लाइफ में शादी नहीं करनी है और ना ही उन्हें बच्चा चाहिए। समाज के नजरिया से तो उस महिला की जिंदगी अभी तक सेटल नहीं हुई है, उसकी जिंदगी अधूरी है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। सबसे जरूरी है कि आप अपने बारे में क्या सोचते हैं या क्या महसूस करते हैं। अगर आपको लगता है कि आप ऐसे ही खुश हैं और आप अपनी जिंदगी ऐसे इसी तरीके से ही व्यतीत करना चाहते हैं तो इसमें किसी को कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर किसी को कोई प्रॉब्लम होती भी है तो उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। यह उनका मसला है और उन्हें खुद ही सुलझा लेना चाहिए।

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