हमारे समाज में ख़ासकर लड़कियों के सुंदरता के पैमाने बनाए हुए है। अगर कोई लड़की उस पर पूरा नहीं उतरती तो उसे सुंदर नहीं माना जाता है। क्या सिर्फ़ वहीं महिला सुंदर है जो समाज के बनाए पैमाने पर पूरा उतरती है? क्या सुंदर होने के लिए गोरा होना ज़रूरी है? क्या लड़कियों का सुंदर होना ज़रूरी है? समाज में लड़कियाँ कहीं भी चली जाए लेकिन उन्हें समाज के बनाए ब्यूटी स्टैंडर्ड्ज़ से गुजरना पड़ता है। कभी लड़कियों को काला रंग होने पर कहा जाता बेसन लगाया करो या फिर उन्हें फ़ेयरनेस्स क्रीम लगाने की सलाह दी जाती है। ऐसे भी और भी बहुत से ब्यूटी स्टैंडर्ड्ज़ जिनके बारे में आगे हम बात करेंगे-
Beauty Standards: क्या सूंदर होने के लिए गोरा होना जरुरी हैं?
क्या 'गोरा' रंग सुंदरता की निशानी
हमारे समाज में आज भी रंग के लिए भेदभाव किया जाता है। हमेशा जिस व्यक्ति का ‘रंग’ काला होता है उसे को महसूस कि तुम्हारा रंग काला है। तुम सुंदर नहीं हो। ‘काला रंग’ को हमेशा नीचे समझा जाता और गोरे रंग को एक ‘तारीफ’ के तौर पर लिया जाता है। तुम्हें अपने फ़ेस पर कुछ लगाना चाहिए। क्या तुम ‘सफ़ेद रंग’ के लिए कुछ लगाती नहीं हो। ऐसे काले रंग वाली लड़कियों की शादी नहीं होती है। अगर होती है तो बढ़ी मुश्किल से होती है। ऐसी और भी बहुत बातें है जो उन्हें सुननी पड़ती है।
हम सब अपने तरीके से सुन्दर है
समाज ने बहुत से ब्यूटी स्टैंडर्ड्ज़ बनाए हुए है जैसे सूंदर होने के लिए रंग गोरा चाहिए, इसके साथ एक उम्र और शेप भी तय की हुई हैं। यह असली सुंदरता नहीं है। ये सब चीज़े कभी भी आप के सफलता के रस्ते में बाधानहीं बनता है। सूंदर होने के लिए आपको किसी चीज़ की जरूरत नहीं हैं। एक चीज़ जो आपके अंदर और बहार से सूंदर है वो है आपका आतम-विशवास। आप अपने ऊपर विश्वास रखिए दुनिया की कोई भी चीज़ आपको रोक नहीं सकती। दूसरी बात हम सब अपने तरीके से सूंदर किसी का कैसा भी रंग हो,कोई भी उम्र हो, कैसी भी हमारी शेप ये सब चीज़े मैटर नहीं करती है। आपको अपने ऊपर विश्वास रखना है कि हम सूंदर है।