Body Shaming:- महिलाओं की अक्सर बॉडी शेमिंग की जाती है। इसे बहुत नोर्मल माना जाता है। हमारे समाज में बॉडी के लिए कुछ मानक सेट किए है अगर की उनमें फ़िट नहीं बैठता तो उसका मज़ाक़ उड़ाया जाता है लेकिन यह कोई नॉर्मल चीज़ नहीं है। इस चीज़ का विरोध होना चाहिए। यह व्यक्ति की मानसिक सेहत पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
Body Shaming: क्यों महिलाओं को उनकी बॉडी के लिए शर्मिंदा किया जाता है?
बॉडी शेमिंग में महिलाओं के वजन पर सवाल उठाएँ जाते जाते है जैसे तुम कितनी मोती मोटी हो तुमसे कोई शादी नहीं करेगा। अगर थोड़ा ता वजन कम कर लो तो ज़्यादा अच्छी लगोगी। इसके साथ उन्हें अलग अल नाम से पुकारा जाता है। इसके बाद अगर कोई पतला है तो उसे कहा जाता तुम तो हवा के झोके से उढ़ जाऊँगी। तुम कुछ खाती नहीं इतनी पतली हो। अक्सर वजन को लेकर महिलाओं को यह बातें सुननी पड़ती है।
आज भी हमारे समाज में शरीर के बालों को नोर्मल नहीं किया जाता है। जब भी महिलाओं arms, प्राईवेट पार्ट्स के हेयर्स के बालों का मज़ाक़ उड़ाया जाता है। समाज के अनुसार औरत को अपने बालों को रिमूव कराना चाहिए नहीं तो वह मर्द लगती है।
इसके बाद रंग को लेकर भी शेमिंग की जाती है। तुम्हारा रंग कितना काला है। इस पर कुछ लगाया करो। कितना काला है। तुम्हें यह क्रीम लगानी चाहिए इससे तुम्हारा रंग साफ़ होगा।
मेंटल हेल्थ पर पड़ता असर
जब कोई भी महिला बॉडी शेमिंग का शिकार होती है तब उसकी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है। उसे अपने आप से नफ़रत होने लगती है। वह अपने आप को स्वीकार नहीं कर पाती है। उसे लगता है वह सुंदर नहीं है। उसे अपने शरीर से लगाव नहीं रहता है।
सुंदरता का कोई पैमाना नहीं है
समाज ने सुंदरता के बहुत सारे पैमाने सेट किए है लेकिन यह सब ग़लत है। हम सब अपने अपने तरीक़े से सुंदर है। सुंदरता की कोई भी परिभाषा है।
सेल्फ़ लव है ज़रूरी
हम दूसरे से हमेशा प्यार और वैलिडेशन खोजते रहते है लेकिन हमें अपने अंदर को खोजने की ज़रूरत है। कोई हमें इतना अच्छे से समझ नहीं सकता है जितना हम समझ सकते है
यह एक महिला की खुद की मर्ज़ी है उसे कैसे रहना है। उसे अपनी बॉडी को कैसे रखना है। हम सब को अपने आप को वैसे ही स्वीकार करना चाहिए जैसे हम है। अगर आप बॉडी पर हेयर को लेकर सहज है यह बिल्कुल ठीक है। इसमें कोई भी बुराई या शर्म की बात नहीं अहि।