Condition Of Women In Afghanistan: आज भी यह बात सुनने को मिलती है की महिलाओं सुधार चुके हैं। महिलाओं को पूर्ण रूप से आजादी है, लेकिन यह पूर्ण सच्चाई नहीं है अगर आप यह बात सिर्फ अपने आसपास की महिलाओं को देखकर बोल रहे हैं तो आप गलत हैं क्योंकि जब महिलाओं के अधिकारों की बात आती है तो सिर्फ हम अपने घर की अपने आसपास की महिलाओं की बात नहीं करते हैं। हम हर उस महिला की बात करते हैं जिसे अपने अधिकार नहीं मिले हैं या फिर जो जुर्म का शिकार हुई है। अगर हम अफगानिस्तान की बात करें तो आज वहां पर महिलाओं की हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। उनके साथ जो हो रहा है वह किसी भी महिला के साथ नहीं होना चाहिए और ऐसे अन्याय को जल्द से जल्द रोकना चाहिए।
अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात ब्यान करते हैं कि 'महिलाएं अभी भी आजाद नहीं'
अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात तब खराब होने शुरू हुए जब तालिबान ने वहां कब्जा किया। तालिबान कभी भी खुद को महिलाओं के मामले में गलत साबित नहीं करता है। जब महिलाओं की बात आती है तब तालिबान बहुत ज्यादा कतर और कठोर हो जाता है। महिलाओं को अपनी मर्जी से कपड़े पहनने, बाहर घूमने और पढ़ने तक की आज़ादी नहीं है। अब तो तालिबान ने महिलाओं के लिए कानून और भी सख्त कर दिया है। अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात इतने खराब है कि उन्हें खुलकर बोलने तक भी आजादी नहीं है।
महिलाओं को धीरे बोलने की सलाह दी जाती है ताकि कोई मर्द उनकी आवाज ना सुन ले। लेकिन अब जो फैसला आया है उसने सभी को और भी चौंका दिया है। अब तालिबान की तरफ से यह फरमान जारी हुआ है कि महिलाओं को इतना धीरे बोलना चाहिए कि कोई दूसरी महिला भी उनकी आवाज ना सुन पाए। यह घोषणा तालिबान के सद्गुण, संवर्धन और दुराचार निवारण मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने की।
The Taliban’s minister of vice and virtue announced it will now be forbidden for adult women to allow their voices to be heard by other adult women, further restricting freedoms of women in Afghanistan. pic.twitter.com/TOikRHeykU
— CBS News (@CBSNews) October 30, 2024
इन घटनाओं से पता चलता है कि कैसे महिलाएं आज भी ऐसे हालात में रह रही हैं जहां पर उनके खाने-पीने, पढ़ने-लिखने पर पाबंदियां हैं। उन्हें जिंदगी को बिल्कुल भी खुलकर जीने नहीं दिया जाता है। उन्हें चारदीवारी में कैद किया जाता है और उनकी खुशी की किसी को कोई परवाह नहीं है। जो लोग यह बोलते हैं कि महिलाओं को तो आजादी मिल गई है या फिर अब महिलाओं के पास सभी अधिकार हैं तो उन्हें एक बार अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात जरूर देख लेनी चाहिएं। यह सब हमारे तंग और कट्टरवादी सोच का नतीजा है जिसके कारण आज महिलाओं को इतना कुछ सेंड करना पड़ रहा है।