Does Govt Aid Truly Empower Women? जब भी चुनावों का समय आता है, पार्टियों की ओर से महिलाओं के लिए कुछ नई स्कीमों और योजनाओं का ऐलान किया जाता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव हो या फिर देश के किसी भी अन्य राज्य के चुनाव, हर बार सरकारों द्वारा महिलाओं के लिए हर महीने कुछ राशि देने की घोषणाएं की जाती हैं। यह वादा किया जाता है कि इससे महिलाएं सशक्त होंगी और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त होगी। लेकिन क्या सिर्फ एक निश्चित राशि से महिलाओं का जीवन वाकई में बदल जाएगा? क्या यह राशि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त है, या फिर यह सिर्फ चुनावी वादों का एक हिस्सा है?
आज हम इसी सवाल पर चर्चा करेंगे और समझेंगे कि क्या महिलाओं को हर महीने दी जा रही राशि से उनका सशक्तिकरण संभव है या हमें इस दिशा में और कदम उठाने की जरूरत है
Election 2025: क्या महिलाओं के लिए हर महीने मिलने वाली सरकारी राशि सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त है?
प्यारी दीदी योजना
ऐसे में कांग्रेस की तरफ से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्यारी दीदी योजना की घोषणा कर दी है जिसके अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं को हर महीने ₹2500 रूपए दिए जाएंगे। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है और कांग्रेस ऐसा करने वाली पहली पार्टी भी नहीं है।
दिल्ली के लिए कांग्रेस की गारंटी 📢
— Congress (@INCIndia) January 6, 2025
महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए#PyaariDidi_Ko_Milenge_2500 pic.twitter.com/eUKsqQkoo3
मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना
दिल्ली की मौजूदा सरकार की तरफ से 2024 के बजट में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के अंतर्गत 18 साल की उम्र से ज्यादा की महिलाओं को हर महीने महिलाओं को 1000 रुपए देने का फैसला किया गया।
#WATCH | Delhi Finance Minister Atishi says, "A new revolutionary scheme is being brought. The name of this scheme is 'Mukhyamantri Mahila Samman Yojana'. Under this scheme, every woman above 18 years of age will be given Rs 1,000 every month." pic.twitter.com/mbuOWNfPhB
— ANI (@ANI) March 4, 2024
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना
मध्य प्रदेश में भी लाडली बहन योजना के अंतर्गत महिलाओं को 1250 रुपए हर महीने दिए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत 28 जनवरी 2023 को की गई थी।
लाड़ली बहनों 10 तारीख आ रही है....
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) December 5, 2023
महिला सशक्तिकरण के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है। 'लाड़ली बहना योजना' की राशि को क्रमशः ₹1250 से बढ़ाकर ₹3 हजार करने के संकल्प को भाजपा सरकार अवश्य पूरा करेगी।
- मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj pic.twitter.com/P9EFImHvV3
क्या महिलाओं को सशक्तिकरण के लिए यह पर्याप्त?
अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी स्कीमें महिलाओं के लिए पर्याप्त हैं? इससे महिलाएं सच में सशक्त हो सकती हैं? हर पार्टी की तरफ से चुनाव से पहले महिलाओं को कुछ राशि देने का वादा किया जाता है और उनका यही कहना होता है कि इससे महिलाओं को आर्थिक आजादी मिलेगी या फिर उनके स्वास्थ्य में सुधार आएगा लेकिन असली समस्या अभी भी खत्म नहीं हुई है। महिलाओं के लिए यह राशि एक सपोर्ट की तरह हो सकती है लेकिन उन्हें पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर नहीं बनाती। एक प्रकार से महिलाएं पैसे के लिए सरकार पर निर्भर हो जाती हैं और अगर सरकार स्कीम बंद कर देती है या फिर बदल जाती है तो महिलाओं के पास कोई रिसोर्स नहीं बचता है।
महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए
उन्हें एजुकेट करना जरूरी
महिलाओं की एजुकेशन पर सरकार को बहुत ज्यादा जोर देना चाहिए। अगर महिलाएं पढ़ी-लिखी होंगी तो उन्हें अपने अधिकारों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। इससे महिलाओं को बहुत सारे आर्थिक मौके भी मिलेंगे और उनमें क्रिटिकल थिंकिंग भी डेवलप होगी।
स्किल सीखने पर जोर
महिलाओं को स्किल्ड बनाने पर भी सरकार को जोर देना चाहिए। अगर महिलाओं के पास स्किल होंगे तो इससे महिलाएं घर से ही छोटे बिजनेस की शुरुआत या फिर अच्छी नौकरियों पर पद हासिल कर सकती हैं। स्किल सीखने की जब बात आती है तो पुरुषों को ज्यादा प्रोत्साहित किया जाता है और महिलाओं को सिर्फ घर का काम ही सिखाया जाता है।
वर्कप्लेस पर बराबर हिस्सेदारी
जब अलग-अलग पदों पर नौकरियां निकाली जाती हैं तब महिलाओं की हिस्सेदारी का भी ध्यान रखना चाहिए। महिलाओं को भी पुरुषों की तरह पर्याप्त मौके मिलने चाहिए।
डिजिटल लिटरेसी
महिलाओं की डिजिटल लिटरेसी पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे बहुत सारे ऑनलाइन रास्ते उनके लिए खुल जाएंगे। बहुत सारी महिलाओं को डिजिटल वर्ल्ड की जानकारी नहीं है लेकिन जब उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी या फिर उन्हें डिजिटल स्किल सिखाएं जाएंगे तो उन्हें बहुत सारे ऑनलाइन वर्क ऑप्शंस भी मिलेंगे।