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Gender Equality: जानें क्यों आदमी आज भी घर के काम करने से कतराते हैं

opinion/Blog: हमारे समाज की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि वह एक लड़के को घर के काम करते नहीं देखना चाहता। मान लीजिए कि हो सकता है आपके बेटे को कभी अकेला रहना पड़ जाए, तब वह अपने खुद के काम भी नहीं संभाल पाएगा। जानें अधिक इस ब्लॉग में-

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Aastha Dhillon
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Gender Inequality

Gender Equality: बचपन से लेकर बड़े होने तक अक्सर हमने सुना है कि "अरे आपकी तो बेटी है, आपको तो काम से आराम रहता होगा। जिनके बेटे होते हैं उन्हें तो सारा काम अपने आप करना पड़ता है।" इन सबको तो यही लगता है कि लड़की होने के नाते, घर के कामों में आपकी दिलचस्पी होना बहुत जरूरी है। लेकिन इसके विपरीत लड़कों के लिए ऐसी धारणाएं बिल्कुल नहीं है।

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क्यों लोग लड़कों को घर का काम सिखाने से कतराते हैं?

हमारे समाज की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि वह एक लड़के को घर के काम करते नहीं देखना चाहता। मान लीजिए कि हो सकता है आपके बेटे को कभी अकेला रहना पड़ जाए, तब वह अपने खुद के काम भी नहीं संभाल पाएगा। इसके लिए ज़रूरी है कि आप यह अच्छे से अपने दिमाग में बैठा लें कि घर के कामों में हाथ बंटाने से किसी आदमी की मर्दानगी कम नहीं होती है, बल्कि इससे वो ज़्यादा ज़िम्मेदार इंसान बनते है। 

हम आज समाज में workplace पर औरतों को समान अधिकार दिलाने के लिए लड़ रहे हैं, पर क्या हम सब घर में जेंडर इक्वलिटी पर ज़ोर देते हैं? आज के दिन हर कोई आपको Gender Sensitization की बात करते दिख जाएगा लेकिन फिर भी जब बात घर की आती है तब इसकी ज़रुरत को उतना महत्व नहीं दिया जाता।

औरत होने का मतलब सिर्फ खाना बनाना और घर के काम करना नहीं होता है 

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हमारे रूढ़िवादी समाज के अनुसार जो औरत जिसे घर के कामों में लगे रहने का जूनून नहीं रखती है, वो अच्छी औरत नहीं होती। उसकी बाकी सभी खूबियां इस कमी के सामने भुला दी जाती हैं। ऐसी औरत न एक अच्छी मां समझी जाती है, न अच्छी बेटी, न अच्छी बहू और न ही अच्छी पत्नी।

सभी घरेलू काम, बच्चों की देखभाल सब कुछ उनकी ज़िम्मेदारी होती है। लेकिन मर्द या औरत कोई भी घर के काम करने के लिए natural skills लेकर पैदा नहीं होता है।

लड़कों का घर के काम करना, ना बाबा ना

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अक्सर  कहा जाता है "लड़का हो कर घर का काम करता है देखो", वहीं घर की लड़कियों का काम करना बिलकुल आम बात है, "ये तो उनका काम ही है।" अपनी बहनों और मां के प्रति ये बर्ताव देखकर लड़कों के दिमाग में साफ़ मैसेज जाता है, 'लड़कियां घरेलू काम करने के लिए ही बनी हैं'। लड़के घर का काम क्यों नहीं करते

एक और सोच है इसके पीछे, हम इसे एक तरह का stereotype भी कह सकते हैं। 

घर से करें शुरुआत

आखिर घर का काम करने के लिए भला ऐसा क्या चाहिए होता है, जो भगवान ने मर्दों को नहीं दिया, इसलिए औरतों को ही करना पड़ता है। किसी भी अच्छे काम की शुरुआत घर से करनी चाहिए। Educated इंसान होने के नाते यह आप कि जिम्मेदारी है कि आप अपने घर में जेंडर इक्वलिटी लेकर आएं।

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