Her Body Her Choice: महिला के बॉडी हेयर को लेकर समाज अब भी असहज क्यों है?

महिलाओं का बॉडी हेयर्स रखना या हटाना उनकी पर्सनल चॉइस है, लेकिन समाज की आलोचना और परफेक्ट दिखने का दबाव उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है।

author-image
Deepika Aartthiya
New Update
SheThePeople Images (7)

Photograph: (Pinterest & Freepik)

किसी के लिए भी बॉडी हेयर्स होना या ना होना उसकी पर्सनल चॉइस है। फिर भी अक्सर देखा जाता है कि किसी महिला के हाथों या पैरों पर हेयर्स दिख जाए, लोग उसे जज करने लग जाते हैं। असली मुद्दा हेयर्स को हटाना या रखना नहीं, बल्कि इसे लेकर महिलाओं पर लगातार दबाव और आलोचना है। 

Advertisment

कई बार पर परफेक्ट दिखने का प्रेशर इतना बढ़ जाता है कि ये महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर डालता है। आख़िर महिलाओं की बॉडी का हमेशा “perfect” दिखना क्यों ज़रूरी है?

Her Body Her Choice: महिला के बॉडी हेयर को लेकर समाज अब भी असहज क्यों है?

बॉडी हेयर मतलब Bad Hygiene का भ्रम

हमने बचपन से अपने आस-पास लोगों से सुना है कि बॉडी हेयर रखना मतलब “unhygienic” होना, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। असल में बॉडी हेयर एक नेचुरल प्रोटेक्शन लेयर है जो हमारे बॉडी को डस्ट, इन्फेक्शन, और फ्रिक्शन से बचाती है।

Advertisment

मार्केटिंग प्रॉडक्ट्स से मिलता है बढ़ावा

आज फेयरनेस क्रीम की तरह हेयर-फ्री स्किन भी एक मार्केटेड illusion बन गया है। सेल्फ केयर के नाम पर एडवर्टाइज़मेंट्स के ज़रिए हमेशा स्मूथ, वैक्स्ड स्किन को परफ़ेक्ट बॉडी की पहचान बताया जाता है। ये महिलाओं के self confidence को ठेस पहुंचाता है। असल सेल्फ केयर तो कम्फर्ट और  कॉन्फिडेंस में है, न कि किसी और की नज़र में परफेक्ट दिखने में।

चॉइस या दबाव?

कई बार महिलाएं कहती हैं कि वो ग्रूमिंग अपने लिए करती हैं और यह बिल्कुल ठीक भी है। लेकिन सवाल उठता है, क्या वाकई यह ‘अपने लिए’ है? समाज ने हमें ऐसे कंडीशन कर दिया है कि हमें खुद पर वही अच्छा लगता है जो समाज में “acceptable” माना गया है। अगर किसी महिला ने बॉडी हेयर के साथ फोटो डाल दी, तो ट्रॉलिंग शुरू हो जाती है। कमेंट सेक्शन में “gross”, “lazy”, “unhygienic” जैसे शब्दों का यूज़ किया जाता है। तो क्या सच में यह चॉइस है, या चॉइस के पीछे छुपा दबाव?

सच्ची आज़ादी वही, जब फैसला तुम्हारा हो

मुझे लगता है कि महिलाओं से बॉडी हेयर हटाने या रखने को लेकर जो प्रेशर बनाया जाता है, वह पूरी तरह समाज के स्टैंडर्ड्स पर आधारित है। मेरे हिसाब से grooming का मतलब आराम और self-comfort होना चाहिए, दूसरों की राय से नहीं। अगर किसी को अपने बॉडी हेयर रखना पसंद है, तो यह उतना ही सही है जितना इसे हटाना। महिलाओं को अपने शरीर पर फैसला खुद लेने का पूरा हक़ होना चाहिए। चाहे किसी को रोज़ शेव करना पसंद हो या नेचुरल रहना, दोनों ही ठीक हैं। समस्या तब आती है जब समाज एक ही तरीके को “normal” बना देता है। क्योंकि खूबसूरती का असली पैमाना कभी “smoothness” नहीं, बल्कि “self-acceptance” है।

Advertisment
Perfect Self Confidence