How Misogynistic Behaviour Is Depicted In Bollywood: बॉलीवुड में मीसोजिनिस्टिक बिहेवियर को अलग-अलग प्रकार से दर्शाया जाता है और कई बॉलीवुड की फिल्मों में इसे बढ़ावा भी दिया गया है। महिलाओं को वास्तु के भांति देखना उन्हें केवल, केवल उनके सौंदर्य के अनुसार उन्हें देखना, उनके प्रति अपमानजनक कथनों का इस्तेमाल करना, उनके आवाज को दबाने की कोशिश करना, उनकी स्वतंत्रता को नियंत्रित करने का प्रयास करना और भी कई तरह से बॉलीवुड में मीसोजिनिस्टिक बिहेवियर को बढ़ावा दिया जा रहा है।
किस प्रकार के व्यवहार को मीसोजिनिस्टिक कहते हैं?
मीसोजिनिस्टिक व्यवहार महिलाओं के प्रति अपमानजनक और निंदनीय कथनों या किसी कार्य को कहते हैं। किसी प्रकार की कथन का इस्तेमाल करके जब महिलाओं को अपमानित करने का प्रयास किया जाता है या उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जाती है। कई बॉलीवुड की फिल्मों में इस प्रकार के डायलॉग का इस्तेमाल किया गया है जिसमें महिलाओं को एक वस्तु की भांति दर्शाया जा रहा है या ऐसा दर्शाया जा रहा है कि वह सिर्फ घर का काम कर सकती हैं या आत्मनिर्भर नहीं बन सकती।
मीसोजिनिस्टिक व्यवहार क्या दर्शाता है?
मीसोग्यनिस्टिक व्यवहार लोगों की छोटी सोच और उनके निंदनीय व्यवहार को दर्शाता है। किसी भी प्रकार की फिल्म में यदि कोई भी किरदार इस प्रकार से दर्शाया जा रहा है कि वह महिलाओं को एक वस्तु की भांति देखता है, उन्हें उनके सौंदर्य के अनुसार तोलता है, उनको अपमानित करता है, उनके ऊपर अपने बल का प्रयोग करने का प्रयास करता है, उनकी स्वतंत्रता और उनके फैसलों को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इन सभी व्यवहारों को हम अपमानजनक और बेहद ही निंदनीय मानते हैं। यह दर्शाता है कि व्यक्ति की सोच कितनी छोटी है।
इस प्रकार की फिल्मों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए
यदि किसी भी प्रकार की बॉलीवुड मूवी में इस तरह के मीसोजिनिस्टिक बिहेवियर को दर्शाया जा रहा है यह कोई डायलॉग है जिसमें महिलाओं के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है या कोई किरदार है जो महिलाओं को अपमानित करने का प्रयास करता है इन सभी फिल्मों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। समाज में ऐसे कई लोग हैं जिनकी सोच बेहद ही निंदनीय है वह भी महिलाओं को वस्तु की भांति ही देखते हैं यही कारण है की कुछ लोग इस प्रकार की फिल्मों की सराहना करते हैं क्योंकि वह खुद इस प्रकार के अपमानजनक व्यवहार का समर्थन करते हैं समाज में रह रहे लोगों को अपनी सोच को बदलना होगा महिलाओं का आदर करना होगा। हर व्यक्ति को एक दूसरे के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो महिलाओं को सम्मान नहीं करते और इसमें वह गर्म महसूस करते हैं और इसी प्रकार की सोच से हमें निजात पाना होगा।