कैसे अकेले बाहर जाना महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की शुरुआत हो सकता है?

एक दौर था जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं होती थी। लेकिन समय के साथ हालात बदले हैं और अब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं।

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Rajveer Kaur
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How Stepping Out Alone Can Be a Womans First Step Towards Empowerment: एक दौर था जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं होती थी। लेकिन समय के साथ हालात बदले हैं और अब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। इसी का नतीजा है कि अब कई महिलाएं अकेले बाहर जाकर सिनेमा देखना या डिनर करना शुरू कर चुकी हैं। कुछ लोगों को यह बात सामान्य या अजीब लग सकती है, लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे यह कदम महिलाओं के सशक्तिकरण की शुरुआत बन सकता है।

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कैसे अकेले बाहर जाना महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की शुरुआत हो सकता है?

अगर आप अपनी दादी से पूछेंगे तो शायद उन्होंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया होगा, क्योंकि उनके समय में महिलाओं का अकेले बाहर जाना सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं था। आज भी कई घरों में ऐसी सोच मौजूद है। लेकिन जिन्होंने अपनी आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर ली है, उन्होंने अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलना शुरू कर दिया है। उनके लिए अकेले किसी रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाना एक तरह की थेरेपी बन गया है। इससे उन्हें अपने साथ समय बिताने का मौका मिलता है, और जब वे खुद खाना ऑर्डर करती हैं और बिल पे करती हैं, तो यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

अकेले जाना चॉइस पर मजबूरी नहीं

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कई लोग यह भी सोच सकते हैं कि अकेले बाहर जाना अकेलेपन की निशानी है, या आपके जीवन में कोई दोस्त या साथी नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि कई बार हम खुद के साथ वक्त बिताना चाहते हैं। हम खुद से जुड़ना चाहते हैं और अपने आप से दोस्ती करना चाहते हैं। यही वक्त हमें खुद के और करीब लाता है जब हम अकेले मूवी देखने जाते हैं, अकेले बैठकर खाना खाते हैं या अकेले घूमते हैं।

खुद के साथ समय बिताने का सबसे बढिय़ा तरीका 

जब आप अकेले बाहर निकलते हैं, तो उस समय आप खुद के प्रति पूरी तरह जिम्मेदार होते हैं। आपको किसी और के हिसाब से नहीं चलना पड़ता, आप अपने निर्णय खुद लेते हैं। इससे आपके अंदर आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास आता है। आप नई चीजें सीखते हैं, अपने विचारों को साफ़ कर पाते हैं, आसपास की दुनिया को बेहतर तरीके से देख पाते हैं और नए लोगों से मिलते हैं। यह अनुभव आपकी पर्सनालिटी को गहराई देता है। इसलिए महिलाओं के लिए अकेले बाहर जाना, चाहे वह मूवी देखना हो, खाना खाना हो, शॉपिंग करना हो या कुछ और एक बहुत ही जरूरी और सशक्तिकरण से भरा कदम है।