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Is a woman's greatest achievement after marriage to 'look beautiful'?: शादी के बाद समाज औरतों के लिए नए नियम बना देता है, जैसे "अब तो और सज-धज कर रहना चाहिए", "पति को पसंद है तो वैसे ही दिखो", या "अब माँ बन गई हो, लेकिन पतली रहो और चेहरे पर चमक रखो”। ये बातें साबित करती हैं कि समाज एक औरत को उसकी सुंदरता और वह कैसी दिखती है, इसी आधार पर आंकता है।
क्या शादी के बाद औरत की सबसे बड़ी उपलब्धि 'सुंदर दिखना' है?
क्या सुंदर दिखना ही सफलता है?
किसी की सफलता को सिर्फ इसी से तय करना ठीक नहीं है, कि वे कितनी सुन्दर दिखती है। शादी के बाद भी कोई महिला अपने करियर में आगे बढ़ सकती है, समाज में कुछ अच्छा बदलाव ला सकती है, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकती है या कुछ नया सीख सकती है। फिर इन सब बातों को उसकी कामयाबी क्यों नहीं माना जाता? उसे सिर्फ सुंदर दिखने के आधार पर ही क्यों परखा जाता है?
शादी के पहले और बाद में सुंदरता को एक लेकर एक ही नज़रिया क्यों?
समाज में महिलाओं की सुंदरता को अक्सर सिर्फ उनके चेहरे और शरीर से आंका जाता है। शादी से पहले भी और बाद में भी, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे हमेशा खूबसूरत और फिट दिखें। शादी से पहले इसलिए सुंदर दिखना जरूरी माना जाता है क्योंकि लड़की की शादी के लिए यह एक शर्त बन जाती है और शादी के बाद इसलिए सुंदर दिखना होता है क्योंकि ससुराल वालों की यह इच्छा होती है क्योंकि घर की बहु को सुन्दर दिखना होता है। यह सोच हमेशा से औरतों पर उनके चेहरे और शरीर को लेकर दबाव बनती आई है।
काबिलियत को सुंदरता से तौला जाता है
शादी से पहले एक ल़डकियों को पढ़ाई, करियर और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाता है, लेकिन शादी के बाद उससे अचानक यह उम्मीद की जाती है कि वह सिर्फ अपने चेहरे, शरीर और वह कैसी दिखती है इस पर ध्यान दें। जैसे उसकी पहचान अब सिर्फ उसकी खूबसूरती और पति को खुश रखने की क्षमता पर टिकी हो। ये सोच न सिर्फ महिलाओं की काबिलियत को नजरअंदाज करती है, बल्कि उन्हें लगातार एक बेवजह के दबाव में भी रखती है।
शादी के बाद असली पहचान क्या है?
समाज को समझना होगा कि शादी किसी की पहचान नहीं रोकती, बल्कि यह दो लोगों के साथ आने का एक फैसला होती है। एक औरत की असली उपलब्धि उसकी सोच, मेहनत और आत्मनिर्भरता में होती है, न कि उसके मेकअप या शरीर की सुंदरता में। अगर वह खुद से खुश है, आगे बढ़ रही है और आत्मविश्वासी है, तो वही उसकी सच्ची सफलता है। हमें महिलाओं को उनकी मेहनत और आत्मबल के लिए सराहना चाहिए, ना कि सिर्फ उनके दिखावे के लिए।