Wearing Bra As Taboo: आजकल के युग में देखा जाता है कि महिलाओं की ब्रा पर भी प्रश्न उठने लगे हैं। यदि कोई महिला या लड़की बाहर के एनवायरमेंट में है तो उससे यह उम्मीद की जाती है कि उसकी ब्रा ना दिखे और यदि ब्रा स्ट्रैप गलती से दिख जाए तो उसे बहुत गंदी नजर एवं गलत नजरिए से देखा जाता है। क्या यह सही है कि हम एक महिला को उसकी ब्रा दिखने की वजह से गलत महसूस कराएं, क्या यदि एक पुरूष की बनियान ऐसे में दिखे तो क्या उसे भी हम समान नजरिए से देखेंगे? जवाब है नहीं।
समाज में परेशानी
समाज का यह गलत बर्ताव सिर्फ एक जगह नहीं देखा जाता बल्कि महिलाओं को हर एक मोड़ एवं हर जगह इस बर्ताव का सामना करना पड़ता है। यदि स्कूल में जा रही हैं और रंगीन ब्रा पहने तो उससे उनका चरित्र नापा जाता है। यदि वे जिम में जाएं तो उनके कपड़ों एवं ब्रा से उन्हें गलत नजरों से देखा जाता है। ऐसे में क्या यह सही बात है कि हर जगह सिर्फ एक कपड़े की वजह से उनके चरित्र पर उंगली उठाई जाए। समाज में ऐसा समझा जाता है कि यदि कोई महिला या लड़की अगर अपनी ब्रा को लेकर कॉन्फिडेंट है तो वह लड़कों को उकसा रही है एवं वह चरित्रहीन है परंतु हमें यह समझना होगा की यह कॉन्फिडेंस उसके चरित्र को नहीं उसकी पर्सनैलिटी में बोल्डनेस को दर्शाता है।
क्या ब्रा पहनना एक जरूरत है?
1.कमर का दर्द
अक्सर यह देखा जाता है कि जिन महिलाओं की ब्रेस्ट का साइज बड़ा होता है उन्हें ब्रा ना पहनने से कमर में दर्द महसूस होता है।
2.ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)
ब्रा ना पहनने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के चांसेस भी बढ़ जाते हैं। हालांकि आज तक कोई शोध हमें यह सिद्ध नहीं कर पाया है कि ब्रा एवं ब्रेस्ट कैंसर का कोई डायरेक्ट संबंध है।
क्या ऐसे में ब्रा न पहने ?
अक्सर यह देखा जाता है की महिलाओं को ब्रा पहनने के लिए फोर्स किया जाता है यदि उनके आसपास कोई पुरुष है तो अक्सर उनसे यह एक्सपेक्ट किया जाता है कि वह ब्रा पहने व अपनी ब्रेस्ट को ढकें। हमें सार्थक कोशिश करनी चाहिए कि हम ब्रा पहनने की इस धारणा को मिटा सकें। हमें यह महिलाओं के ऊपर ही छोड़ देना चाहिए कि उन्हें ब्रा पहननी है या नहीं। यह निर्णय उनके ऊपर थोपा नहीं जाना चाहिए।