प्लस साइज के बारे में लोगों की बदलती हुई धारणा

समाज में आइडियल बॉडी टाइप माइंडसेट बहुत पॉपुलर है लेकिन असलियत में ऐसा कुछ नहीं है। यह बातें उन लोगों के लिए है जो ऐसी बातों पर यकीन रखते है और खुद को स्वीकार नहीं करते।

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Rajveer Kaur
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Plus size (Freepik)

Mindset Of People Is Changing Towards Plus Size (Image Credit: Freepik)

Mindset Of People Is Changing Towards Plus Size: आज के समय में महिलाओं की सोच में काफी बदलाव आ रहा है। उन्होंने चीजों को रूढ़िवादी सोच से हटकर सोचना और करना शुरू कर दिया है। इसकी काफी उदाहरणों  देखने को मिल जाती है। अब आप प्लस साइज की ही बात कर लीजिए महिलाओं ने इसे स्वीकार करना शुरु कर दिया है। मिस नेपाल जेन दीपिका गर्रेट भारत की पहली प्लस size प्रतियोगी बन गई हैं। यह उदहारण लाखों लडकियों के लिए प्रेरणा है जो अपने प्लस साइज के कारण शर्म और असहज महसूस करती हैं।

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प्लस साइज के बारे में लोगों की बदलती हुई धारणा

Ideal Body Type रूढ़िवादी और स्टीरियोटाइप सोच का नतीजा

समाज में आइडियल बॉडी टाइप माइंडसेट बहुत पॉपुलर है लेकिन असलियत में ऐसा कुछ नहीं है। यह बातें उन लोगों के लिए है जो ऐसी बातों पर यकीन रखते है और खुद को स्वीकार नहीं करते। ऐसे लोग अपनी जिंदगी दूसरों के स्टैंडर्डस पर जीते हैं। उनके अंदर बिल्कुल भी आत्म विश्वास नहीं होता। दूसरी तरफ ऐसी भी महिलाएं जो अपनी लाइफ को खुद के हिसाब से जीती हैं। ज़िन्दगी में वे जो भी करती है उसके लिए उन्हें गिल्ट नहीं प्राउड महसूस होता है। ऐसा नहीं उन्हें ये सब कुछ आसानी से मिल जाता है इसके लिए संघर्ष के साथ-साथ लोगों की बातें भी सुननी पड़ती है। लोगों के द्वारा उनका मजाक उड़ाया जाता है, भद्दी बातें कही जाती है। इतना आसान नहीं खुद के रस्ते पर चलना इसकी कीमत तो अदा करनी पड़ती है।  

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प्लस साइज का मतलब मोटापा नहीं

यह अवधारणा है कि प्लस साइज का मतलब मोटापा होता है। हम सब की अलग-अलग बॉडी टाइप है जैसे स्ट्रैट, ओवल, पीयर, एप्पल, डायमंड आदि। इसका मतलब यह बिलकुल नहीं ये बॉडी टाइप्स स्वस्थ नहीं है या फिर इन पर काम करने की जरुरत है। हम सब अपने तरीके से सुंदर है और जरूरत है खुद को स्वीकार करने की। आप जैसे भी हैं खुद को प्यार कीजिए। आप कौन है? यह दूसरों को मत डिफाइन करने दीजिए। आपको आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। 

बॉडी पॉजिटिविटी है जरूरी

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हमें बॉडी पॉजिटिविटी को बढ़ाना देना चाहिए। इससे हम अपने आसपास सभी बॉडी टाइप के लोगों के लिए एक सुरक्षित माहौल पैदा करते हैं। आपका टारगेट सेहतमंद होना चाहिए न कि पतले होना। इसके साथ ही अगर किसी का वजन ज्यादा है उसका मजाक या फिर उस पर टिप्पणी करना बिलकुल सही नहीं जैसे मोटी लड़कियों की शादी नहीं होगी, कम खाया करो इतना वजन बढ़ रहा है, मोटी लड़कियों को कोई लड़का पसंद नहीं करता आदि। इसके बाद पतली लड़कियों को भी बहुत सारी बातें सुननी पड़ती है। बॉडी पॉजिटिविटी से ये फासला कम हो सकता है और हम दूसरे के लिए अच्छा माहौल पैदा कर सकते हैं।