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मेरा COVID-19 वैक्सीनेशन - हम सभी जानते हैं कि कोरोना के केसेस भारत में बढ़ते ही जा रहे हैं। इसी कारणवश अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन घोषित हो चुका है। इसी के साथ वैक्सीनेशन कार्य भी जोरों-शोरों से चल रहा है।
वैक्सीनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपके शरीर में एक जीवाणु (जर्म) को डाला जाता है, ताकि आपका शरीर इसके विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकें। यह एक छोटे फायर ड्रिल की तरह शरीर को दी जाने वाली ट्रेनिंग होती है। ताकि बाद में जब कोई वायरस या बैक्टीरिया हमारे शरीर में घुसने की कोशिश करें, तो हमारा शरीर उससे लड़ने के लिए तैयार हो और उसे कोई जानलेवा खतरा ना हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एवं समस्त चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोरोना सर्वव्यापी महामारी को खत्म करने के लिए समस्त जनसंख्या को वैक्सीनेट करने का सुझाव दिया है। चूंकि भारत की जनसंख्या 135 करोड़ है तथा रोजाना लोगों के संक्रमित होने से चिकित्सा प्रणाली पर बहुत ज्यादा दबाव आ रहा है, जिससे हमारे देश की चिकित्सा प्रणाली के कोलैप्स होने की संभावना है।
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने 1 मई से 18 से 44 वर्ष तक के युवा व्यक्तियों का वैक्सीनेशन भी प्रारंभ कर दिया है, जिसमें मेरा नंबर भी आता है।
मैं उक्त आयु वर्ग के वैक्सीनेशन प्रारंभ होने की जानकारी प्राप्त होते ही बहुत ही उत्साहित हो रही थी। क्योंकि विगत 1 वर्ष से ज्यादा समय तक हम सभी अपने घरों में बंद थे तथा किसी कार्य से बाहर जाने पर संक्रमित होने के भय से अपना कार्य स्वतंत्रता पूर्वक नहीं कर पा रहे थे ।
इसलिए मुझे वैक्सीनेशन ही एक अच्छा उपाय लग रहा था। मैंने अपना टीकाकरण का कार्य आज से 3 दिन पूर्व (4 मई, 2021) ही कर लिया है।
अतः वैक्सीनेशन होने पर हमें कोरोना वायरस से लड़ने में एक सुरक्षा कवच प्राप्त हो सकता है। मैंने अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन वैक्सीनेशन के लिए सरकार द्वारा बताई वेबसाइट से करवा दिया। आप चाहे तो Cowin या आरोग्य सेतु एप आदि की मदद से भी कर सकते हैं।
इससे पूर्व मुझे मन में वैक्सीनेशन के प्रति बहुत उत्साह तथा थोड़ा-सा डर का अनुभव हो रहा था। इससे पूर्व मैंने बचपन में अन्य कई बीमारियों से बचने का टीका लगवाया हुआ है लेकिन उस समय मेरी उम्र 5 वर्ष या उससे कम होने पर मुझे उसका अनुभव याद नहीं है। अब क्योंकि मैं 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग में शामिल हूं मुझे टीवी, अखबार अथवा मोबाइल पर कई तरह की जानकारियां वैक्सीनेशन के बारे में मालूम थी। अतः मन में बहुत सा उत्साह था।
मैंने अपने वैक्सीनेशन के पश्चात बहुत-सी सावधानियां रखनी शुरू की। लेकिन 1-2 दिन मुझे हल्का बुखार व सिर भारी होने के अनुभव से भी गुजरना पड़ा। परंतु यह सब जानकारी मुझे पहले से ही थी। सामान्य तौर पर ये बदलाव देखे जा सकते हैं -
• हल्का बुखार
• सिर में दर्द
• शरीर के अन्य भागों में दर्द जैसे कमर, पीठ, टांगों, हाथ
• टीका लगने वाली जगह पर
• चक्कर आना
• थकान महसूस होना
चूंकि हमारे शरीर में पहले से मौजूदा एंटीबॉडीज वैक्सीनेशन द्वारा डाले गए जीवाणु से लड़ने लगती है, इसलिए कुछ दिनों तक हमारे शरीर में यह बदलाव देखे जा सकते हैं। ये बिल्कुल नॉर्मल है। यह 1 दिन से लेकर हफ्ते भर तक रह सकता है ताकि हमारा शरीर इस प्रक्रिया से अवगत हो सके। इस दौरान क्या दवाई ली जाए इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अतः वैक्सीनेशन के पश्चात मैं अथवा मेरा परिवार भी उक्त बीमारी से लड़ने में एक सुरक्षा कवच उपलब्ध होने से आश्वस्त हुआ है। मुझे अब इस टीके की दूसरी डोज लगभग 40 दिनों बाद लगवाने के लिए सूचित किया गया है। इसे में अनिवार्य रूप से पूरा करूंगी तथा मैं अपने सभी साथियों, परिवारजनों अथवा समस्त दोस्तों से यह आव्हान करना चाहती हूं कि आप भी उक्त टीकाकरण कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेवे तथा अपने व अपने परिवार को इस बीमारी से बचाव करने में पूरा योगदान प्रदान करें।
वैक्सीनेशन क्या है?
वैक्सीनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपके शरीर में एक जीवाणु (जर्म) को डाला जाता है, ताकि आपका शरीर इसके विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकें। यह एक छोटे फायर ड्रिल की तरह शरीर को दी जाने वाली ट्रेनिंग होती है। ताकि बाद में जब कोई वायरस या बैक्टीरिया हमारे शरीर में घुसने की कोशिश करें, तो हमारा शरीर उससे लड़ने के लिए तैयार हो और उसे कोई जानलेवा खतरा ना हो।
COVID-19 महामारी में वैक्सीनेशन क्यों जरूरी है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एवं समस्त चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोरोना सर्वव्यापी महामारी को खत्म करने के लिए समस्त जनसंख्या को वैक्सीनेट करने का सुझाव दिया है। चूंकि भारत की जनसंख्या 135 करोड़ है तथा रोजाना लोगों के संक्रमित होने से चिकित्सा प्रणाली पर बहुत ज्यादा दबाव आ रहा है, जिससे हमारे देश की चिकित्सा प्रणाली के कोलैप्स होने की संभावना है।
वैक्सीनेशन के लिए किया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने 1 मई से 18 से 44 वर्ष तक के युवा व्यक्तियों का वैक्सीनेशन भी प्रारंभ कर दिया है, जिसमें मेरा नंबर भी आता है।
मैं उक्त आयु वर्ग के वैक्सीनेशन प्रारंभ होने की जानकारी प्राप्त होते ही बहुत ही उत्साहित हो रही थी। क्योंकि विगत 1 वर्ष से ज्यादा समय तक हम सभी अपने घरों में बंद थे तथा किसी कार्य से बाहर जाने पर संक्रमित होने के भय से अपना कार्य स्वतंत्रता पूर्वक नहीं कर पा रहे थे ।
इसलिए मुझे वैक्सीनेशन ही एक अच्छा उपाय लग रहा था। मैंने अपना टीकाकरण का कार्य आज से 3 दिन पूर्व (4 मई, 2021) ही कर लिया है।
अतः वैक्सीनेशन होने पर हमें कोरोना वायरस से लड़ने में एक सुरक्षा कवच प्राप्त हो सकता है। मैंने अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन वैक्सीनेशन के लिए सरकार द्वारा बताई वेबसाइट से करवा दिया। आप चाहे तो Cowin या आरोग्य सेतु एप आदि की मदद से भी कर सकते हैं।
वैक्सीनेशन के लिए था मन में बहुत-सा उत्साह
इससे पूर्व मुझे मन में वैक्सीनेशन के प्रति बहुत उत्साह तथा थोड़ा-सा डर का अनुभव हो रहा था। इससे पूर्व मैंने बचपन में अन्य कई बीमारियों से बचने का टीका लगवाया हुआ है लेकिन उस समय मेरी उम्र 5 वर्ष या उससे कम होने पर मुझे उसका अनुभव याद नहीं है। अब क्योंकि मैं 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग में शामिल हूं मुझे टीवी, अखबार अथवा मोबाइल पर कई तरह की जानकारियां वैक्सीनेशन के बारे में मालूम थी। अतः मन में बहुत सा उत्साह था।
वैक्सीनेशन के बाद शरीर में आ सकते हैं ये बदलाव
मैंने अपने वैक्सीनेशन के पश्चात बहुत-सी सावधानियां रखनी शुरू की। लेकिन 1-2 दिन मुझे हल्का बुखार व सिर भारी होने के अनुभव से भी गुजरना पड़ा। परंतु यह सब जानकारी मुझे पहले से ही थी। सामान्य तौर पर ये बदलाव देखे जा सकते हैं -
• हल्का बुखार
• सिर में दर्द
• शरीर के अन्य भागों में दर्द जैसे कमर, पीठ, टांगों, हाथ
• टीका लगने वाली जगह पर
• चक्कर आना
• थकान महसूस होना
चूंकि हमारे शरीर में पहले से मौजूदा एंटीबॉडीज वैक्सीनेशन द्वारा डाले गए जीवाणु से लड़ने लगती है, इसलिए कुछ दिनों तक हमारे शरीर में यह बदलाव देखे जा सकते हैं। ये बिल्कुल नॉर्मल है। यह 1 दिन से लेकर हफ्ते भर तक रह सकता है ताकि हमारा शरीर इस प्रक्रिया से अवगत हो सके। इस दौरान क्या दवाई ली जाए इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
वैक्सीन की दूसरी डोज
अतः वैक्सीनेशन के पश्चात मैं अथवा मेरा परिवार भी उक्त बीमारी से लड़ने में एक सुरक्षा कवच उपलब्ध होने से आश्वस्त हुआ है। मुझे अब इस टीके की दूसरी डोज लगभग 40 दिनों बाद लगवाने के लिए सूचित किया गया है। इसे में अनिवार्य रूप से पूरा करूंगी तथा मैं अपने सभी साथियों, परिवारजनों अथवा समस्त दोस्तों से यह आव्हान करना चाहती हूं कि आप भी उक्त टीकाकरण कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेवे तथा अपने व अपने परिवार को इस बीमारी से बचाव करने में पूरा योगदान प्रदान करें।