International Women's Day पर पुरुष महिलाओं को कैसे दें सुरक्षा का तोहफा?

महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिसके ऊपर ठोस कदम उठाने की बहुत ज्यादा जरूरत है। इस बारे में हमने कुछ पुरुषों से बात की कि वे कैसे अपने आसपास की महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवा सकते हैं? चलिए उनके जवाब जानते हैं

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Rajveer Kaur
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Agra ACP Conducts Night Safety Check Disguised as Tourist

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Simple Ways to Make Women Feel Safer: महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिसके ऊपर ठोस कदम उठाने की बहुत ज्यादा जरूरत है। महिलाओं के साथ होने वाले अपराध जैसे किडनैपिंग, यौन हिंसा, छेड़खानी या फिर बलात्कार दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। महिलाएं पब्लिक जगह पर सुरक्षित महसूस नहीं करती। उनके मन में हमेशा ही डर बना रहता है। पितृसत्तात्मक सोच के कारण लोग महिलाओं को घर पर रहने की सलाह देते हैं या फिर उन्हें रात में बाहर जाने से रोकते हैं लेकिन यहां पर यह जिम्मेदारी पुरुषों की बनती है कि वह महिलाओं की सुरक्षा को निश्चित करें। 

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,45,256 मामले दर्ज हुए। इसका मतलब है कि हर घंटे औसतन 51 FIR दर्ज की गईं। इस संख्या से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में 4% की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही 2016 में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएँ करीब 39,000 तक पहुँच गई थीं। 2018 में पूरे देश में हर 15 मिनट में एक महिला के साथ बलात्कार की घटना हुई।

इस बारे में हमने कुछ पुरुषों से बात की कि वे कैसे अपने आसपास की महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवा सकते हैं? चलिए उनके जवाब जानते हैं-

International Women's Day पर पुरुष महिलाओं को कैसे दें सुरक्षा का तोहफा?

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हमेशा महिला के आगे चले

कार्तिक ने इस बारे में बातचीत की और उन्होंने बताया कि "वह किसी भी अनजान लड़की को सुरक्षित और कंफर्टेबल महसूस करवाने के लिए कभी भी उनके पीछे नहीं खड़े होते हैं। उन्हें लगता है कि लड़के को लड़की के साथ या उससे आगे ही चलना चाहिए क्योंकि जब आप लड़की के पीछे चलते हैं तो कई बार उसे यह लगता है कि आप शायद उसका पीछा कर रहे हैं या फिर वह वैसे भी अनकंफरटेबल हो जाती है। इसलिए हमेशा ही लड़की के आगे चलना चाहिए या फिर आप उसके साथ चल सकते हैं"।

बेसिक ह्यूमन व्यवहार नहीं छोड़ना चाहिए

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राहुलप्रीत ने बातचीत के दौरान बताया कि "हमें लड़की को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए कोई स्पेशल चीज करने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें नार्मल ह्यूमन की तरह व्यवहार करना है। उन्होंने बताया कि कुछ लड़के लड़कियों को देखकर अमानवीय व्यवहार करने लग जाते हैं जैसे उनका पीछा करना या फिर अभद्र शब्दों से बुलाना आदि। उन्होंने कहा कि उनकी हमेशा कोशिश होती है कि जब भी वह पब्लिक प्लेस पर हैं तो हमेशा एक बुनियादी शालीनता बनाए रखें ताकि उनकी वजह से किसी भी दूसरे जेंडर को अनकंफरटेबल महसूस ना हो"।

गलत के खिलाफ आवाज उठाएं

Gagandeep Singh ने बताया कि "किसी भी लड़की को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए सबसे जरूरी है कि अगर पब्लिक प्लेस पर उसके साथ कोई गलत कर रहा है या फिर वह सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है तो यह एक पुरुष की जिम्मेदारी बनती है कि वह उसके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ बोले। उन्होंने कहा कि अगर कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट में किसी लड़की को गलत तरीके से हाथ लगाने की कोशिश कर रहा है या फिर कोई किसी महिला के साथ छेड़खानी कर रहा है तो वह इस बात को निश्चित करेंगे कि वह उस महिला का सपोर्ट करें और उसके खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ बोलें। उन्होंने कहा कि जब तक हम चुप रहेंगे या फिर यह सोचते रहेंगे कि यह हमारा मैटर नहीं है तो कल को ऐसी स्थिति में हमारे घर की महिलाएं भी हो सकती हैं"। 

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बिना पूछे तस्वीर मत खींचें 

तनवीर सिंह ने बताया कि "आजकल पब्लिक प्लेस पर लोग महिलाओं की वीडियो बनाने लग जाते हैं या फिर उनकी कंसेंट के बिना तस्वीर खींचने लग जाते हैं जो कि बहुत गलत बात है। उन्होंने कहा कि पुरुषों को महिलाओं के आसपास मोबाइल का कम इस्तेमाल करना चाहिए और इसके गलत इस्तेमाल से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को लिए आज ये बहुत बड़ा खतरा है"। 

महिला के लिए सीट छोड़ दें 

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विशाल सूद ने मेरे साथ बातचीत की। उन्होंने बताया कि "पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर हमेशा महिलाओं के कंफर्ट का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा वह अपने आसपास की महिलाओं को कंफर्टेबल महसूस करवाने के लिए हमेशा उनके लिए सीट छोड़ देते हैं क्योंकि कुछ महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं या फिर उनके साथ बच्चा होता है। वह कहते हैं कि कई बार सच में महिला को सीट की ज्यादा जरूरत होती है"। 

पब्लिक जगह पर दूसरी महिला से दूरी बनाए 

Harpeet Singh ने हमारे साथ बातचीत की। उन्होंने बताया कि "यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने आसपास की महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी पुरुष का यह हक़ नहीं बनता है कि वह किसी भी महिला को परेशान करे। उन्होंने बताया कि अगर वह किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ट्रैवल कर रहे हैं तो वो इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वह दूसरी महिला से दूरी बनाएं रखें क्योंकि उनका मानना है कि जब भी आप किसी अनजान महिला के कांटेक्ट में आते हैं तो उन्हें अनकंफरटेबल महसूस होता है और यह उनकी कंसेंट को भी खत्म कर देता है"।

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इन पुरुषों की तरह आप भी अपने आसपास की महिलाओं को सुरक्षित और कंफर्टेबल महसूस करवा सकते हैं।

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