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कैसे कामकाजी महिलाओं को काम के साथ घर का बोझ मेंटल स्ट्रेस दे रहा है?

पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों ही अलग होते हैं। इन्हें आपस में कभी भी मिक्स नहीं किया जा सकता है। अब ऐसे में महिलाएं बीच में फंस जाती हैं। ऐसे में महिलाओं को मेंटल स्ट्रेस बहुत ज्यादा बढ़ रहा है।

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Rajveer Kaur
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What Difficulties Do Women Face in Juggling Work and Life? आज के समय में महिलाओं के उपर बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है। पहले के समय में महिलाएं ज्यादातर घर का काम करती थीं। उनके ऊपर बाहर की जिम्मेदारियां का बोझ नहीं होता था। यह भी गलत था क्योंकि उन्हें अयोग्य समझा जाता था। इसके साथ ही उन्हें पढ़ाई भी नहीं करवाई जाती थी। आज के समय में महिलाएं फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट हो रही हैं जिसके लिए वह घर से बाहर निकल रही हैं। अब समस्या यह हो रही है कि उनके ऊपर घर और ऑफिस दोनों को बैलेंस करने की जिम्मेदारी आ रही है। पुरुषों के ऊपर सिर्फ कमाई करने का प्रेशर है लेकिन महिलाएं इन दोनों को बैलेंस करने में उलझी हुई हैं।

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कैसे कामकाजी महिलाओं को काम के साथ घर का बोझ मेंटल स्ट्रेस दे रहा है?

पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों ही अलग होते हैं। इन्हें आपस में कभी भी मिक्स नहीं किया जा सकता है। अब ऐसे में महिलाएं बीच में फंस जाती हैं।  उन्हें हर महीने पीरियड में से गुजरना पड़ता है और जो महिलाएं मां होती हैं, उन्हें अपने बच्चों को भी संभालना पड़ता है। इसके साथ ही घर आकर खाना भी बनाना पड़ता है। अगर पति भी अपने काम खुद नहीं कर रहा है तो महिलाओं को उनकी जिम्मेदारियां को उठाना पड़ता है।

ऐसे में महिलाओं को मेंटल स्ट्रेस बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उन्हें डिप्रैशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। उन्हें किसी भी तरीके का कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है। वह परफेक्शन का शिकार हो रही हैं। उन्हें हर काम बिल्कुल ठीक तरीके से करना है जिसके कारण वह निराश रहती हैं। इसके साथ ही समाज और परिवार की तरफ से भी उनके ऊपर अपेक्षाएं रखी जाती हैं कि वे अपनी पर्सनल लाइफ को भी पूरा समय दें। ट्रेडिशनल रोल के हिसाब से घर के काम जैसे खाना बनाना, कपड़े धोना या फिर बच्चों को संभालना भी उनकी जिम्मेदारी ही होती है। ऐसे में कई बार उनके लिए वर्क लाइफ बैलेंस बहुत मुश्किल हो जाता है।

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इसलिए महिलाओं को अपने ऊपर इतना बोझ लेने की जरूरत नहीं है। उन्हें सिर्फ उतना ही काम करना चाहिए जितना वह कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें अपनी बॉडी को भी जरूर सुनना चाहिए। उन्हें परफेक्ट बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए औऱ दूसरों को ना कहना भी सीखना होगा। इसके साथ ही आप हर समय अवेलेबल रहना भी छोड़ दें। अगर आप एक समय पर मल्टी टास्किंग नहीं कर पा रही हैं तो वह भी नॉर्मल है। सबसे पहले आपको खुद को प्रायोरिटी देना शुरू करना चाहिए।

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