What Things We Need To Change In The Celebration Of Rakhi? भारत में राखी के त्यौहार को बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह भाई और बहन के प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहन भाई को राखी बांधती हैं, कुछ मीठा खाते हैं और भाई अपनी बहन को प्यारे-प्यारे गिफ्ट देते हैं। अब जो भाई बहन एक दूसरे से दूर रहते हैं या फिर जिनकी ज्यादा बात नहीं हो पाती हैं, उनके लिए यह एक ऐसा मौका होता है जहां पर वह एक दूसरे को मिल सकते हैं या फिर साथ में सेलिब्रेट कर सकते हैं। अब इस त्यौहार के पीछे का माइंडसेट हमें बदलने की जरूरत है। हमें अब इसका रूप बदलने की जरूरत है। चलिए इसके बारे में अधिक जानते हैं-
राखी भाई-बहन के प्यार का त्योहार लेकिन कुछ चीजें बदलने की जरूरत
पहले के समय में महिलाओं के पास पैसे कमाने के मौके नहीं होते थे तो ऐसे में भाई या फिर पिता अपनी बेटी को समय-समय पर गिफ्ट या फिर कुछ पैसे दे देते थे। आज के समय में महिलाओं ने कमाना शुरू कर दिया है। अब बहुत सारी महिलाएं फाइनेंशली इंडिपेंडेंट हैं तो ऐसे में अगर महिलाओं को कोई गिफ्ट ना भी मिले तब भी हमें कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। क्योंकि कई बार कुछ भाई ऐसे होते हैं जो पैसे या फिर गिफ्ट नहीं दे सकते हैं। इसके कारण वह त्यौहार को सेलिब्रेट करने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि जो समाज में चल रहा है हम उसको मैच नहीं कर पाएंगे।
दूसरा अब जिन महिलाओं के भाई नहीं होते हैं, उन्हें भी इन त्योहारों के ऊपर बहुत बुरा महसूस होता है। उन्हें लगता है कि हमारा भाई क्यों नहीं है तो ऐसे में हमें राखी को सिर्फ भाई या बहन के प्यार तक सीमित नहीं करना चाहिए। अगर दो बहने ही हैं तो वह भी इस त्यौहार को मना सकती हैं इसमें कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। ऐसे समय में लोग उन लड़कियों को जाकर बुरा महसूस करवाते हैं और ताने मारते हैं कि तुम्हारा भाई नहीं है, तुम अभागिन हो या फिर जिनके भाई होते हैं, वे अपनी ज्यादा डोमिनेंस दिखाती हैं तो यह सिस्टम भी चेंज होना चाहिए. हमें बहन-भाई के इस त्योहार को सिबलिंग्स का त्योहार बना देना चाहिए ताकि अगर किसी के पास बहन या भाई नहीं है तो उन्हें भी इसमें बुरा ना लगे।
इसके साथ ही त्योहारों को पैसों के साथ जोड़ना बंद कर देना चाहिए। यह त्यौहार एक दूसरे के मिलने का प्रतीक है। इसमें सेलिब्रेशन सबसे ऊपर होना चाहिए। अगर कोई ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर सकता है या फिर महंगी राखी या महंगी गिफ्ट नहीं खरीद सकता है तो इसका फर्क़ नहीं पड़ना चाहिए। ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप सब एक साथ मिल बैठकर खाए, दूसरों से बातें करें और कहीं पर घूमने जाएं लेकिन गिफ्ट के बेसिस पर किसी के प्यार को जज करना या फिर उनसे दूरी बनाना किसी भी पहलू से सही नहीं है। अब हमें थोड़े-थोड़े बदलाव करने की जरूरत है ताकि हम ज्यादा खुशियां बटोर सके और इस भौतिकवादी दुनिया में अपनों का साथ सबसे ऊपर रखें।