Why Are Some Careers Still Believed As Unsafe For Women: महिलाओं के करियर पर सवाल आज भी कईं सारे जगहों पर उठतें हैं और उन्हें उनका जवाब भी देना पड़ता है। देश में कईं ऐसे जगह और समाज है जो अपने बेटियों को कुछ ऐसे कामों में इसलिए नहीं करने या जाने देते क्यूंकि उन्हें लगता है वह असुरक्षित होता है उनके लिए। ऐसा सोचने की क्या वजह हो सकती है? क्या सदियों से चलते आया ये सोच कि महिलाएं सिर्फ नाज़ुक होतीं हैं और उन्हें भारी भरकम या बहुत ही आउटगोइंग काम नहीं करने चाहिए या फिर यह सिर्फ उनकी चिंता का कारण होता है। हर सिक्के के दो पहलू होते है, हमें बस नियत पर ध्यान देना ज़रूरी होता है। भारतीय परिवारों में क्यों ऐसा वहम है कि एयर होस्टेस, आर्मी, डिफेंस, जर्नलिज्म, वकालत जैसे करियर लड़कियों के लिए सूटेबल नहीं होते हैं और अगर उनसे पूछ लो क्यूँ, तो आपको सुनने को मिलेंगे अजीब से अजीब बहाने और बातें जो सुनकर शायद आप सोच में पड़ जाएँ कि हमारे देश में रहने वाले लोगों की सोच किधर ही रह गयी है।
"ऐसे करियर लड़कियों के लिए सेफ नहीं होतें " कब बदलेगी यह सोच?
मुझे याद है कि 12th की परीक्षाओं से कुछ समय पहले, मै अपनी दोस्त से उसके कॉलेज के प्लान्स के बारे में पूछ रही थी। हम साथ मिलकर आइडियाज इकट्ठे कर रहे थें जिसमे एक ऑप्शन था एयर होस्टेस। जब मैंने उसे यह करने की सलाह दी तो उसने बोला की उसके घर वाले इसके लिए नहीं मानेंगे। मुझे कुछ समझ नहीं आया तो उससे कहा ज़रा पूरी बात समझने को, जिसको सुनते ही मेरे पास कहने को कोई शब्द ही नहीं बचें थे। उसने कहा की उसके पापा ने यह कहकर मना कर दिया है कि उनके घर की बेटी किसी अनजान लोगो के जूठे बर्तन नहीं उठाएगी। इतने इज़्ज़दार और मेहनती प्रोफेशन को बस एक लाइन में इतना नीचा दिखा दिया गया।
"बॉडी बिल्डिंग करके मरदाना दिखने लगोगी", "वकालत कर लिया और अब लड़के मिलने में परेशानी हो रही क्यूंकि कोई शादी करने को राज़ी नहीं है"। ज़बान लड़ा देगी इस डर से, केस कर देगी इस डर से। यह बेबुनियाद बातें कईं महत्वाकांक्षी महिलाओं से उनका सपना छीन लेती हैं।
कब बदलेगा समाज का पौराणिक सोच की सक्षम लड़कियों को इस सोच के पिंजरे से आज़ाद उड़ने का मौका मिले?