Opinion: माँ निस्वार्थ और प्रेम से भरी है। हम हमेशा कहते हैं की माँ प्यार और निस्वार्थता की मिसाल है। बचपन से ही हम जब भी कुछ गलत करते हैं या जब भी हम मुसीबत में होते हैं तो हमेशा अपनी मां के पास दौड़ते हैं क्योंकि हम सभी को पूरा भरोसा होता है कि हमारी मां हमें हर तरह की परेशानी से बचाएंगी। हमारी मां हमेशा हमारे लिए अपने सपनों का बलिदान करती है इसलिए हम उसे एक निस्वार्थ इंसान मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वह भी बहुत सी चीजों की हकदार है? जो वास्तव में उसे हमसे नहीं मिल रहा है। जब भी हमारी मां हमारे लिए कुछ करती है तो हम सोचते हैं की यह करना उनका कर्तव्य है। माँ का प्यार सबसे ऊपर है, अगर हम चोट पहुँचाते हैं तो उन्हें हमसे बहुत अधिक चोट पहुँचाती है, लेकिन हमारी माँ एक मूर्ति नहीं है ना? वह भी दर्द महसूस करती है, वह भी हमसे अधिक प्यार और ध्यान देने की हकदार है। हां मैं मानती हूं की मां हमारे लिए कुछ भी कर सकती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह एक रोबोट है, वह एक इंसान है, उसके भी अपने सपने, अपनी भावनाएं हैं। हमें उसकी भावनाओं का भी सम्मान करने की जरूरत है, उसके सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है।
अपनी माँ के बारे में सोचिए वो आपके लिए, आपके परिवार के लिए और अपने पति के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर देती है, लेकिन बदले में उन्हें किसी से कुछ नहीं मिलता। ज़रा सोचिए कि क्या वह वास्तव में आपके लिए अपना पूरा जीवन बलिदान करने के बाद इन सभी चीजों की हकदार हैं? उसे भी आज़ादी से जीने का हक़ है, उसे अपने सभी अधूरे सपनों को पूरा करने का हक़ है। अगर आप सच में अपनी माँ का किसी काम में साथ देना चाहते हैं तो बस उन्हें वो सब काम करने में सहयोग दें जो वो हमेशा से करना चाहती हैं लेकिन वो सिर्फ अपनी ज़िम्मेदारियों और अपने परिवार की वजह से नहीं कर पातीं।
क्यों हम माँ को महानता की मूर्ति मानते हैं
आपकी मां रोबोट नहीं इंसान हैं
यह सच है की आपकी माँ आपको किसी से भी ज्यादा प्यार करती है, आपकी माँ हमेशा आपके लिए वह सब कुछ करती है जो आप चाहते हैं। हमें लगता है की हमारी मां जो कुछ भी हमारे लिए करती है वह उसकी जिम्मेदारी है और उसे यह सब करने की जरूरत है, क्योंकि वह मां है तो वह सब कुछ कर सकती है। हाँ आप सही कह रहे हैं वह एक माँ है यानी वह एक इंसान है एक जीवित प्राणी है, वह रोबोट नहीं है जो हमेशा वह सब काम करती है जो हम चाहते हैं, हमेशा वह सब काम करती है जिससे हमें खुशी मिलती है। क्या आपने कभी सोचा है की क्या वह उन सभी कामों को कर रही है जिससे उसे खुशी मिलती है? नहीं हम कभी नहीं सोचते। यदि आप इसके बारे में नहीं सोचते हैं तो आज से ही इसके बारे में सोचना शुरू कर दें क्योंकि आप माँ खुश रहने की, आज़ाद होने की और अपनी ज़िंदगी आज़ादी से जीने की हक़दार हैं।
अपनी मां को भगवान की तरह नहीं बल्कि मां की तरह मानें
हाँ, यह सच है की माँ दूसरा भगवान है, जो हमें जीवन देती है, जो हमारे लिए सब कुछ त्याग देती है, जो हमें किसी और से बेहतर समझती है। लेकिन यह सब कुछ करने के बाद भी वह एक इंसान ही है, वह भगवान नहीं है। हमेशा अपनी माँ का सम्मान करें क्योंकि वह वह कारण है जिसके कारण आप आज यहाँ हैं लेकिन साथ ही अपने सपनों को पूरा करने के लिए उनका समर्थन करें, अपनी पसंद बनाने के लिए उनका समर्थन करें। उसकी भावनाओं का सम्मान करंो क्योंकि वह सिर्फ एक सामान्य इंसान है वह उन सभी चीजों की हकदार है जो हमें मिलती है, शायद हम उसे वह सब कुछ नहीं दे सकते जो वह हमें देती है लेकिन हम उसका समर्थन कर सकते हैं हम उसे अपने नियमों से अपना जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
अपनी मां के सपनों को समझो
बचपन से आपकी माँ हमेशा आपकी इच्छाओं और सपनों को समझती है अब उनकी भावनाओं और सपनों को समझने की बारी आपकी है। आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपकी मां हमेशा आपका साथ देती हैं। अब आपको अपनी मां को उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करना होगा और उनका समर्थन करना होगा। उसे बताओ की तुम उसके साथ हो क्योंकि जैसे तुम्हारी माँ तुम्हारा सबसे बड़ा सहारा है वैसे ही तुम भी अपनी माँ का सबसे बड़ा सहारा हो। जब आप अपनी मां को बताएंगे कि आप उनके साथ हैं तो उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए और ऊर्जा मिलेगी।