Successful women: क्यों हर सफल औरत से पूछा जाता है कि घर कैसे संभालोगी?

कोई महिला सफलता की ओर बढ़ती है, उससे अक्सर पूछा जाता है, कि "घर कैसे संभालोगी?" ये सवाल उसकी काबिलियत पर सवाल उठाने के साथ-साथ समाज की उस सोच को दिखाता है।

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Tamnna Vats
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Why is every successful woman asked, “How will you manage the house?”: आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं चाहे वो विज्ञान हो, राजनीति, व्यापार या खेल हो। लेकिन जैसे ही कोई महिला सफलता की ओर बढ़ती है, उससे अक्सर पूछा जाता है, कि "घर कैसे संभालोगी?" ये सवाल उसकी काबिलियत पर सवाल उठाने के साथ-साथ समाज की उस सोच को दिखाता है जो महिलाओं को अब भी सिर्फ घर तक सीमित देखना चाहता है।

क्यों हर सफल औरत से पूछा जाता है कि ‘घर कैसे संभालोगी?’

कामकाजी महिलाएं घर भी संभाल रही हैं

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आज की महिलाएं घर और काम दोनों जगह बराबरी से जिम्मेदारी निभा रही हैं। वे सुबह बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजती हैं, फिर ऑफिस जाकर पूरा दिन मेहनत करती हैं। शाम को घर लौटकर खाना बनाती हैं, बच्चों का होमवर्क कराती हैं और घर के बाकी काम भी करती हैं। इसके बाद भी लोग उनसे पूछते हैं, क्या तुम घर संभाल पाओगी? ये सवाल तब और भी बेकार लगता है जब वही महिला ये सब काम सालों से ठीक से कर रही होती है।

महिला का करियर चुनना गलत नहीं है

किसी महिला की सफलता का ये मतलब नहीं है कि वह अपने घर को नजरअंदाज कर रही है। अगर वह अपने करियर पर ध्यान देना चाहती है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। हमें ये समझना होगा कि घर और बाहर की जिम्मेदारी दोनों की होती है, सिर्फ महिला की नहीं। इसलिए अगर कोई महिला अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहती है, तो उसे रोकने या सवाल करने के बजाय उसका हौसला बढ़ाना चाहिए।

बचपन से ही बराबरी की सोच सिखाना जरूरी है 

बदलाव की शुरुआत हमेशा घर से होती है। हमें अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि घर संभालना सिर्फ मां का काम नहीं होता। लड़कों को बचपन से ही घर के कामों में हिस्सा लेना सिखाएं और लड़कियों को यह भरोसा दें कि वे जो चाहें बन सकती हैं। अगर हम बच्चों में यही सोच पैदा करेंगे, तो आगे चलकर कोई भी महिला से यह सवाल नहीं करेगा, "घर कैसे संभालोगी?"

सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत है 

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जब भी किसी महिला से पूछा जाता है, "घर कैसे संभालोगी?" तो यह सिर्फ एक सवाल नहीं होता, बल्कि उसकी काबिलियत और उसके फैसलों पर शक करने जैसा होता है। हमें इस सोच को बदलना होगा और महिलाओं का बिना शर्त साथ देना होगा, ताकि वे समाज के दबाव के बिना अपने सपनों को पूरा कर सकें।

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