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(Image source: LovePanky)
Why Is Women Wanting Sex A Taboo While Men Wanting It Is Just Normal: दुनिया में सबसे ज़्यादा आबादी होने वाले देश में, सेक्स आज भी एक बहुत बड़ा टैबू है। कोई भी खुल कर इसपर बात करने को बहुत आसानी से गन्दा और अश्लील कह देते हैं लेकिन इन्हे इस बात का एहसास नहीं होता है कि इन्ही अधूरी और अनकहीं चर्चों के वजह से कईं बार कईं लोग भुगतते हैं। सेक्स एजुकेशन और सेक्स के बारे में चर्चा की इस देश को बहुत ही ज़रूरत है। महिलों को भी सेक्स के खिलाफ सुनने को जो ताने मिलते हैं, उनके लिए भी आवाज़ उठाना बहुत ज़रूरी है।
महिला की Sex की चाहत को डर्टी और पुरुष की नॉर्मल क्यों माना जाता है?
सेक्स एक बहुत ही बेसिक सा ह्यूमन नीड है जो कि महिलाओं को भी होती है, वो भी इंसान हैं। सेक्स की चाहत सिर्फ मर्दों को हो तो ही अच्छा लगता है, यही सोच कितने ही पीढ़ीओं से हमारे समाज में चलती आ रही है। इन्ही सोच रखने वालों के वजह से महिलाओं को गालियां और नफरत सहनी पड़ती है। इनसब के कईं सारे कारण हैं जिसे सुलझाना अब बहुत ही ज़रूरी हो गया है।
बात सेक्स में इक्वलिटी की नहीं है बल्कि बात यह है कि महिलाओं और पुरुषों की एक सामान चाहत को जेंडर के बेसिस पर क्यों नापा जाता है। यदि कोई महिला सेक्स को एन्जॉय करती है और उसे भी वह पसंद है, तो इस बात को पब्लिक में एक्सेप्ट करने में वो क्यों शर्माएं जब मर्दों के लिए यह तो कॉमन होता है कि उन्हें सेक्स पसंद है। पुरुष अगर अपने सेक्स लाइफ के बारे में बात करे तो उसे स्टड जैसे टैग्स मिलते हैं और उसकी वाह वाही होती है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को इसी बात को करने पर अश्लील घोषित कर दिया जाता है और उन्हें बहुत ज़िल्लत भी झेलना पड़ता है।
सवाल बस यह है कि मनुष्य के इतने सामान्य और बेहद ज़रूरी प्रक्रिया को पुरुष और महिलाओं के जेंडर डायनामिक्स में क्यों इन्वॉल्व किया जा रहा है जबकि यह दोनों की ही बड़ी आम सी ज़रूरत हैं? आखिर कब महिलाओं के लिए यह बातें पर्सनल तो होंगी पर शर्मिंदा होने वाली नहीं होगी?