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Why Mothers Feel They Must Always Be Doing Something: क्या आपने कभी अपनी मां को खाली बैठे देखा है या फिर वह रिलैक्स कर रही हैं। ऐसा बहुत कम होता है जब हमारी मदर बिना किसी काम के खाली बैठी होती हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें कभी ना कभी कुछ ना कुछ करते ही रहना चाहिए जिसकी वजह से वह कभी भी खुद को आराम देती ही नहीं है और पूरा दिन काम करती रहती हैं। इससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है लेकिन क्या कभी किसी ने सोचने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों है या फिर क्यों मदर हमेशा बेचैन रहती है? उन्हें हमेशा ऐसा क्यों लगता है कि उन्हें काम करते रहना चाहिए? चलिए आज इस विषय पर बात करते हैं-
क्यों खाली समय होने पर भी मदर को लगता है कि उसे अभी कुछ करते होना चाहिए
हमारे समाज की मदर के प्रति अपेक्षाएं बहुत ज्यादा होती हैं। हमें लगता है कि जब एक महिला मां बन जाती है तो वह सुपर वुमन बन जाती है हालांकि ऐसा नहीं होना चाहिए। एक मां को हमेशा ही स्ट्रांग बनने की सलाह दी जाती है या फिर ऐसा कहकर उनके रोल को ग्लोरिफाई किया जाता है कि जब बात उसके बच्चे पर आती है तो एक मां सब कुछ सहन कर लेती है लेकिन क्यों हम महिलाओं से हमेशा ही बच्चों के नाम पर सहन करने की अपेक्षा करते हैं जबकि उसकी जिंदगी में भी बहुत कुछ चल रहा होता है। कई बार वह भी थकी हुई होती हैं। उन्हें भी आराम की जरूरत होती हैं फिर वह हर समय स्ट्रांग नहीं बनना चाहती हैं। उन्हें भी लगता है कि कोई आकर उन्हें गले लगाए या फिर उन्हें बैठने के लिए बोले। उनसे भी हाल-चाल पूछा जाए लेकिन ऐसा नहीं होता है। हमारे समाज में धीरे-धीरे महिलाएं अपनी ख्वाहिशों बताना बंद ही कर देती हैं। उन्हें लगता है कि बच्चे होने के बाद उनकी कोई जिंदगी नहीं है।
यह बहुत ही गलत कंडीशनिंग है और हमें इसके ऊपर बहुत ज्यादा बात करने की जरूरत है। हमें मदर को यह बताना चाहिए कि उन्हें भी ब्रेक की जरूरत है और अगर एक दिन उनके बच्चे संभालने का मन नहीं है या फिर वह अपने कामों से ब्रेक लेना चाहती है तो वह बेशक ले सकती हैं। इसके लिए उन्हें किसी की वैलिडेशन की जरूरत नहीं है या फिर उन्हें यह नहीं पूछना पड़ेगा कि क्या वह यह कर सकती। उनके मन में यह सवाल नहीं उठने चाहिए कि क्या वह गलत कर रही हैं बल्कि उन्हें इसके लिए प्राउड होना चाहिए। हम सबको छुट्टी होती है, हम सब ब्रेक लेते हैं और एग्जास्ट या बर्नआउट हो जाते हैं और इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। हमें बच्चों से भी ब्रेक चाहिए हो सकती है और यह सेल्फिश होना नहीं है बल्कि खुद के लिए लिया गया एक कदम है।