Advertisment

Virginity Still A Taboo: समाज में वर्जिनिटी अभी भी क्यों टैबू है?

हमारे समाज में वर्जिनिटी अभी भी टैबू है। कुछ लोग अभी भी चाहते हैं कि अगर उनकी शादी हो तो लड़की वर्जिन होनी चाहिए। इसका मतलब है कि हम लड़की को सेक्सुअली जज कर रहे हैं कि उसने पहले किसी के साथ फिजिकल रिश्ता तो नहीं बनाया।

author-image
Rajveer Kaur
New Update
 (Medical News Today)

(Image Credit: Medical News Today)

Why Virginity Still A Taboo In A Society: हमारे समाज में वर्जिनिटी अभी भी टैबू है। कुछ लोग अभी भी चाहते हैं कि अगर उनकी शादी हो तो सिर्फ वर्जिन लड़की से होनी चाहिए। इसका मतलब है कि हम लड़की को सेक्सुअली जज कर रहे हैं कि कहीं उसने पहले किसी के साथ फिजिकल संबंध तो नहीं बनाए। अभी भी कई लोग मानते हैं की लड़कियां बिल्कुल पवित्र होनी चाहिए जिसका मतलब है कि उन्होंने किसी के साथ संबंध ना बनाए हों। लेकिन लड़कों के लिए ऐसा कोई पैरामीटर नहीं है। लड़कों से कभी भी उनकी सेक्सुअलिटी के बारे में कभी भी कोई सवाल नहीं किया जाता है। यह सिर्फ लड़कियों के लिए है। आईए बात करते हैं कि क्यों लड़कियों का वर्जन होना बहुत जरूरी माना जाता है। 

Advertisment

समाज में वर्जिनिटी अभी भी क्यों टैबू है? 

इसके दो पहलू हैं

वर्जिनिटी के दो पहलू हैं। सबसे पहले माना जाता है कि लड़की के साथ जब भी कोई लड़का फिजिकल रिलेशन बनाना चाहे तो वह चाहता है की लड़की ने पहले किसी के साथ कोई संबंध ना बनाये हों अर्थात वह वर्जन होनी चाहिए। वैसे तो साइंटिफिकली वर्जिनिटी का कोई परिणाम नहीं हैं। हमारे समाज में माना जाता है कि अगर सेक्स करते समय लड़की के वजाइना में से खून निकलता है तो वह वर्जन है। अगर नहीं तो वह वर्जन नहीं है। यह बिल्कुल भी सही पैरामीटर नहीं है। कुछ लोग तो यह भी कहते हैं 'no seal no deal'. जिसका मतलब कि अगर आपकी 'वजाइना की सील खुली हुई है' मतलब आपने किसी के साथ पहले सेक्स किया है तो वह लड़की पत्नी बनाने के काबिल नहीं है। यह हमारी एक बुरी मानसिकता को दिखाता है जो लड़कियों के बारे में ऐसी सोच रखती है लेकिन महिलाओं में मर्दों के बारे में ऐसी कोई भी धारणा नहीं है।

Advertisment

आज भी समाज में कई जगह शादी की पहली रात में महिलाओं को व्हाइट सफेद रंग की चादर दी जाती है और टेस्ट किया जाता है कि वह वर्जिन है या नहीं। अगर लड़का तीन बार अपनी पत्नी को वर्जन नहीं साबित कर पता है तो पत्नी को सजा दी जाती है और प्रताड़ित किया जाता है।

दूसरा पहलू यह है कि आजकल की जेनरशन में वर्जिनिटी तोड़ने का बहुत बड़ा एक प्रेशर है कि 16 या 18 साल की उम्र के बाद आपको फिजिकल रिलेशन बनाने हैं. इसके लिए पीर प्रेशर भी बहुत आ जाता है। महिलाओं के सेक्स और रिलेशनशिप कोच, चार्लेन डगलस, इस भावना को प्रतिध्वनित करते हैं; “समाज हमें सिखाता है कि हमारा पहला यौन अनुभव हमारे सोलहवें जन्मदिन पर या उसके कुछ समय बाद होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो शर्म की भावना के साथ-साथ यह विचार भी आ सकता है कि हमारे साथ ही कुछ गड़बड़ है।''

हमें अब इस सोच बदलने की जरूरत है। यह दोगले विचार अब हमें खत्म करने चाहिए। वर्जिनिटी के नाम पर लड़कियों का शोषण बंद होना चाहिए।

taboo Virginity
Advertisment