क्यों महिलाओं को हमेशा कोमल रहना सिखाया जाता है?

आज की नारी मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, जिम भी करती है, अपनी बॉडी का ध्यान भी रखती है। यह बातें बहुत पुरानी हो चुकी है। हमें अपने माइंडसेट को बदलना होगा। अब लड़कियों ने भी अपने ऊपर काम शुरू कर दिया है।

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Rajveer Kaur
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Why Women Are Always Taught To Be Gentle: हमारे समाज में लड़कियों को हमेशा कोमल नजरों से देखा जाता है। उन्हें ऐसा बनाया जाता है जो सबकी हां में हां करें,  कभी किसी के सामने ऊंची आवाज में बात मत करें, ज्यादा हंसी-मजाक मत करें, शरीर ढके हुए कपड़े पहने, खाना बनाए और घर की चौखट के अंदर ही रहे। इसके साथ ही जितना उसे कहा जाए उतना ही करें,  हर काम के लिए सभी से आजा ले, कभी भी अपनी मर्जी से कुछ बात मत करें।

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Women Matters: क्यों महिलाओं को हमेशा कोमल रहना सिखाया जाता है

सुन्दर, सुशील और संस्कारी

लड़कियों की शादी के लिए रिश्ता आता है तो लड़के वाले बताते कि हमें लड़की 'गाय' जैसी चाहिए। जिसका मतलब है कि लड़की सुंदर सुशील और संस्कारी हों। अब इसका मतलब है कि उसे सुंदर होना चाहिए। सुंदरता में भी कई पैमाने है जैसे उसका रंग साफ होना चाहिए, उसके फेस पर कुछ दाग नहीं होना चाहिए, लंबी होनी चाहिए, उसके शरीर में कोई कमी नहीं होनी चाहिए, मोटी नहीं होनी चाहिए।उसके बाद सुशील जिसका मतलब सब की आज्ञा माने और किसी के विरोध में और आगे मत बोले, जैसा कहा जाएं वैसा ही करें। संस्कारी मतलब सास-ससुर की इज्जत करें। बड़ों के पैर छुए लेकिन खुद इज्जत की अपेक्षा मत करें।

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ऐसे हम लड़कियों को बड़े करते हैं और शादी के मामले में भी ऐसी डिमांड रखते हैं जैसे किसी चीज की परख कर रहे है। अब आप बात करेंगे की कोमलता कहां से आ गई तो इन सब में एक तो आम बात वह भी यह भी है की लड़कियां कोमल होनी चाहिए। अब कुछ लोग कहते हैं की लड़कियों को जिम नहीं जाना चाहिए इससे वह लड़कों जैसी लगती है। क्यों, लड़कियों को भी हक है कि वह कठोर बन सके चाहे वह शारीरिक तौर पर हो या मानसिक।

आज की नारी मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, जिम भी करती है, अपनी बॉडी का ध्यान भी रखती है। यह बातें बहुत पुरानी हो चुकी है। हमें अपने माइंडसेट को बदलना होगा। अब लड़कियों ने भी अपने ऊपर इतना काम शुरू कर दिया है।

एक लड़की कैसे कोमल हो सकती है?

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हर महिला 1 से 2 किलो का बच्चा अपने शरीर के साथ 9 महीने रखती है, लेबर पेन को सहन करती है। हम उसे कैसे कमल कह देते हैं? हम उसे कैसे कमजोर बना देते हैं।कोमलता का असली मतलब यह लोग कमजोर मानते हैं। लड़कियां कमजोर नहीं है। वह बहुत ताकतवर है। उनके अंदर जितनी सहनशीलता होती है, यह किसी में नहीं हो सकती। हर महीने पीरियड आते हैं, क्रैंप्स होते हैं, हारमोंस ऊपर नीचे हो जाते हैं और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की धज्जियां उड़ जाती है। मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेस, मसल्स पेन और स्लीप पैटर्न में खराबी, इन सब के बावजूद भी वह किसी काम में पीछे नहीं। इसलिए यह कहना बंद कीजिए की लड़कियां कोमल या कमजोर हैं और ना ही ऐसी लड़कियों की ऐसी परवरिश करें।