Women Are Not Being Paid Equally: पूरे विश्व में महिला और पुरुष को समान तनख्वाह नही दी जाती है। एक महीला को एक पुरुष के मुकाबले कम तनख्वाह दिया जाता है। रिसर्च में पता चला है कि एक महिला 84% उपार्जन करती है एक पुरुष के मुकाबले। सामान पद में काम करने के बाद भी उन्हें अपने परिश्रम का सही मूल्य नही दिया जाता है।
क्यों महिलाओ को समान तनख्वाह नही मिलती है
1. काबिल ना समझना
आज भी महिलों को पुरुष के मुकाबले कम काबिल माना जाता है। एक महिला के अंदर सभी गुण रहते हुए भी एक पुरुष को ही श्रेष्ठ माना जाता है। महिलाओं की काबिलियत को नजर अंदाज कर दिया जाता है। इसलिए काम की जगह भी उन्हें एक पुरूष के मुकाबले कम काबिल समझा जाता है।
2. उच्च शिक्षा
अगर एक महिला एक पुरुष के मुकाबले कम एजुकेटेड है मतलब अगर उनकी डिग्री कम हैं तो उन्हे पुरुष के मुकाबले कम तनख्वाह दिया जाता है एक ही समान काम के लिए। इसीलिए एक महिला को हमेशा पुरुष से शिक्षा में एक डिग्री आगे होना चाहिए ताकि उन्हें तनख्वाह समान मिल सके।
3. महिलाओं की कमी
उच्च पद में महिलाओं की कमी की वजह से महिलाओं को तनख्वाह कम मिलती है। उच्च पद में जो पुरुष होते हैं वो महिलाओं को कम काबिल समझने के कारण कम तनख्वाह देते हैं। बहुत ही कम समय एक महिला को समान तनख्वाह दिया जाता है।
4. पार्ट टाइम जॉब
एक महिला अपने घर और परिवार को सम्भालने के लिए अपनी काबिलियत से कम काबिलियत वाले काम करती है। फलस्वरूप उन्हे कम तनख्वाह मिलती है।
5. काम को सम्मान ना देना
महिलाओं के बारे में ये मानना है कि वो पुरुष से कम काम करती हैं। एक महिला एक पुरूष से ज्यादा काम करने के बाद भी उनके काम को नजर अंदाज किया जाता है। इन सभी एक्स्ट्रा काम के लिए भी महिलाओं को तनख्वाह ज्यादा नहीं दिया जाता।
6. प्रतिनिधि की कमी
काम की जगह पर महिलाओं का प्रतिनिधि बहुत ही कम है। जितना उच्च पद में जायेंगे महिलाओं के प्रतिनिधि और भी कम होते जाएंगे।
एक महिला भी समान परिश्रम करती है काम की जगह पर। फिर भी कुछ जगह महिलाओं को कम तनख्वाह दिया जाता है। काम के बारे में और तनख्वाह के बारे में ये लिंग विभाग हमें बंद करना चाहिए। सभी को अपनी काबिलियत से पहचाना जाना चाहिए ना कि लिंग विभाग से।