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Why Women Expected To Be Superwomen
ऐसे क्यों बोला जाता है लड़कियों से की उसे हमेशा शांत रहना चाहिए, ज़ोर से बात नहीं करनी चाहिए, अच्छे कपडे पहननी चाहिए, श्याम में घरसे बहार नहीं निकालनी चाहिए, लड़कों के साथ घुमानी नहीं चाहिए, ज्यादा हसना नहीं चाहिए, सिगरेट नहीं पीनी चाहिए,अगर कोई बात परेशान कर्री हो तो उसे अंदर ही दबाके रखनी चाहिए ताकि घरवालों की शांति बानी रहे। क्या वह इंसान नहीं है? उसकी कोई ख्वाहिश नहीं होसकती है? क्यों हमे सब लोग मोरल पुलिस करते रहते है?
हर बार लड़की से समझौते की उम्मीद क्यों की जाती है?
लोग कहते है लड़की को समझना बहुत मुश्किल है? पर किसीने कभी अच्छी कोशिश भी की है? एक लड़की से उनके माँ-बाप बोलते है की पति का घर ही उसका घर है पर सास बोलती है माइका उसका घर है। और बोलती है की बहुकभि बेटी नहीं बनसक्ति है। पुरुष के बिना औरत का पुरुष के बिना कोई अस्तित्व नहीं है? क्यों लड़कियों को सिखाया जाता है की उसे पति ही हर बात उसे चुप- चाप सुन्नी चाहिए, और पलट के जवाब नहीं देनी चाहिए। माँ-बाप बोलते है शादी के बाद ससुराल ही लड़की का घर है अगर वहां कोई विवाद हो या कोई समस्या होतो उसे सुला करलेनी चाहिए पर अगर वापस माँ-बाप के घर आएगी तो यह शर्म की बात मानी जाती है।
शादी के बाद पति अगर अच्छे से कमा रहा हो है तो लड़की को घर सँभालने बोला जाता है। भले ही वह शिक्षित और सक्षम क्यों न हो । बच्चों की जिम्मेदारी माँ की ही क्यों होती है? क्यूँ बोला जाता है की बच्चे के बाद माँ की जिम्मेदारी बस अपने बच्चों की परवरिश होती है और करीयर का सैक्रिफाइस हमेशा लड़की को ही करने क्यों बोला जाता है।
लड़की को खाना बनाना क्यों आना चाहिए? यह सारे रूल्स किसने बनाये है?
आज कौन सा काम है जो एक लड़का कर सकता है और लड़की नहीं? लड़की हर वह काम कर रही है। यह घरके साथ-साथ अपना काम भी संभल रही है। क्या पुरुष कभी इतना काम बिना कोई शिकायत किये करसकता है? इन प्रथाओं के पालन को रोकना जरूरी है। नारी अगर कुछ थान ले तो वह समाज में कुछ भी करसकती है।